न्यूज़ पोर्टल्स: सबकी खबर
– देश मे लोकसभा चुनाव 2019 की घोषणा हो चुकी है। जिसके बाद आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। ऐसे में अब जगह जगह से राजनीतिक दलों के होर्डिंग, बैनर और पोस्टर उतारे जा रहे हैं। ये ही नही सरकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार से संबंधित सामग्री भी हटाई जा रही है। न्यूज़ पोर्टल्स- सबकी खबर ने जन जागरूकता के उद्देश्य से एसडीएम पांवटा से खास बातचीत की।
जिससे कि आम जनता तक इस दौरान बरती जाने वाली एहतियात व तय नियमों का पालन बारे जनता को जागरूक किया जा सके। आदर्श आचार संहिता को लेकर लोगों में कुछ भ्रम की सी भी स्थिति कई बार बनी रहती है। कुछ सरकारी अधिकारियों की तरफ से आचार संहिता का हवाला देकर लोगों के काम नहीं करने के मामले कई बार आते है। कई बार तो लोग यहां तक भी सोच लेते हैं कि आचार संहिता लागू होने के बाद सरकारी काम बंद हो जाते हैं। हांलकि, ऐसा कुछ होता नहीं है।
* खास बातचीत में क्या बोले एसडीएम पांवटा *
एसडीएम पांवटा लायक राम वर्मा का कहना है कि रोजाना के कामकाज पर आचार संहिता की वजह से किसी तरह की कोई पाबंदी नहीं लगती। इसलिए, आम जनता को यह जरूर जान लेना चाहिए कि आचार संहिता लागू होने के बाद कौन-कौन से काम किए जा सकते हैं। और किन किन कार्यों पर आदर्श आचार संहिता के दौरान रोक रहेगी।
* ऐसे कार्य जो आचार संहिता लागू होने के बाद भी नहीं रुकेंगे *
जैसे आपके पेंशन की प्रक्रिया से जुड़े काम, आधार कार्ड, जाति प्रमाण बनाना, बिजली-पानी से संबंधित कार्य, साफ-सफाई संबंधी काम, ईलाज के लिए आर्थिक सहयोग लेना, सड़कों की मरम्मत, पहले से ही जारी प्रोजेक्ट, अगर आपने मकान का नक्शा पास कराने का पहले ही आवेदन दे दिया है तो यह हो जायेगा।लेकिन इसके लिए नए आवेदन नहीं लिए जाएंगे।
* आदर्श आचार संहिता पर इन कार्यों पर रहती है पाबंदी *
इस दायरे में नए सार्वजनिक काम की स्वीकृति, सरकार की उपलब्धियों वाले होर्डिंग्स, सरकारी भवनों में पीएम, सीएम, मंत्री, राजनीतिक व्यक्तियों के फोटो, निर्वाचन क्षेत्र में शासकीय दौरे नही होंगे। सरकारी वाहनों में सायरन, सरकार की उपलब्धियों से संबंधित मीडिया विज्ञापन, किसी तरह के रिश्वत या प्रलोभन से बचें। इसको ना दें, ना ही लें।
सोशल मीडिया पर पोस्ट करते वक्त भी खास ध्यान रखें। आपकी एक पोस्ट आपको किस उलझन में भी फंसा सकता है। अगर कोई आम आदमी या राजनेता इन नियमों का उल्लंघन करता है। तो उस पर भी आचार संहिता के तहत नियमानुसार कार्रवाई हो सकती है।
अगर आप अपने किसी राजनेता के प्रचार में लगे हैं तब भी आपको इन नियमों को लेकर जागरूक रहना होगा। अगर कोई राजनेता आपको इन नियमों के खिलाफ काम करने के लिए कहता है तो आप उसे आचार संहिता के बारे में बताकर ऐसा करने से मना कर सकते हैं।
* राजनीतिक पार्टी के नेता व कार्यकर्ता भी रखे
ये विशेष ध्यान*
आदर्श आचार सहिंता के दौरान किसी पार्टी के
उम्मीदवार और पार्टियों के लिए नियम, उम्मीदवार पर भी कार्यवाही हो सकती है।
अब सरकार मतदाताओं को लुभाने वाली घोषणा नही कर सकती। चुनाव की तारीख के ऐलान के साथ ही सरकारी कर्मचारी चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक निर्वाचन आयोग के कर्मचारी बन जाते हैं। चुनाव आचार संहिता चुनाव आयोग के बनाए वो नियम हैं। जिनका पालन हर पार्टी , हर उम्मीदवार व जनता के लिए जरूरी है। इनका उल्लंघन करने पर कार्यवाही का भी प्रावधान है। चुनाव लड़ने पर रोक लग सकती है। चुनाव के दौरान कोई भी मंत्री सरकारी दौरे को चुनाव के लिए इस्तेमाल नहीं कर सकता। सरकारी संसाधनों का किसी भी तरह चुनाव के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। कोई भी सत्ताधारी नेता सरकारी वाहनों और भवनों का चुनाव के लिए इस्तेमाल नहीं कर सकता। किसी विशेष राजनीतिक दल को लाभ पहुंचाने जैसे कदमों की निगरानी के लिए चुनाव आयोग पर्यवेक्षक नियुक्त करता है।
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आदर्श आचार सहिंता उल्लंघन पर यहां करें शिकायत…
– आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत चुनाव आयोग के हेल्पलाइन नंबर 1095 पर की जा सकती है। चुनाव आयोग का दावे को माने तो शिकायत करने के 100 मिनट के भीतर ही कार्रवाई की जाएगी।
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