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November 22, 2024

क्षेत्र के सैंकड़ों दुग्ध उत्पादको का आखिर कौन बन रहा खेवनहार? किस तरह से पड़ोसी राज्य से मिल रहा आर्थिक संबल। सैकड़ों स्थानीय दुग्ध उत्पादक परिवारों का आँचल दुग्ध सहकारी संघ (देहरादून) के केंद्र बना एक मजबूत साहारा।

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पांवटा उप मंडल के सैंकड़ों दुग्ध उत्पादकों को पड़ोसी राज्य उत्तराखंड से आर्थिक संबल मिल रहा है। इन परिवारों की दूध विपणन की दिक्कत काफी समस्या रहती थी। आसपास दुध की ज्यादा खपत नही हो पाती थी। लेकिन कुछ अर्से से अब ये विपणन की दिक्कतें भी दूर होने लगी हैं। दुग्ध उत्पादक संग्रह केंद्र स्थित खोडोवाला में आँचल दुग्ध सहकारी संघ (देहरादून) का केंद्र खुला है। जो सैंकड़ों परिवारों का सहारा बनता प्रतीत हो रहा है।
सोमवार को इस केंद्र के निरीक्षक ओमप्रकाश मेहता की अध्यक्षता में दर्जनों स्थानीय पशुपालक एवं लाभार्थियों की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। जिसमे दूध उत्पादन की बढ़ोतरी व खरीद पर चर्चा हुई। केंद्र में उत्तराखंड राज्य की तर्ज पर साथ लगते राज्य हिमाचल के गिरिपार क्षेत्र के सैकड़ों लोगों को दुग्ध व्यवसाय से जोड़ा गया। लाभार्थियों को दूधारू गाय, पनीर, घी, खोवा आदि तैयार करने व बेचने से अपनी आजीविका को बढ़ाने बारे जागरूक किया।
सनद रहे कि हाल ही में उत्तराखंड आँचल सहकारी संघ ने पांवटा की दर्जनों दुग्ध समितियों के पशुपालक लाभार्थियों को जालंधर मिलिट्री डेरी फार्म से मात्र पांच हजार में पांच गाए(दुधारू पशु) आवंटित करवाया थे। जिससे इन सदस्यों की आर्थिक स्थिति।को और भी मजबूत किया जा सके। इसके अलावा दुग्ध उत्पादकों को तोल कांटा, मीटर पैमाना, ड्रम आदि फ्री मिल रही है। वही फीड, केल्शियम, मिनरल मिक्चर आदि रियायती दर पर वितरित की जाती है। ऐसे में पांवटा सहित गिरिपार के दर्जनों गांव की समितियों को उत्तराखंड दुग्ध सहकारी संघ की ओर से दुग्ध व्यवसाय से जोड़ने के लिये काफी खुश नजर आ रहे है।
बैठक में क्षेत्र के पशुपालक गुरविंदर सिंह, शशिपाल, दिलशाद, पूर्ण सिंह, अशोक कुमार, मनी सिंह, लतीफ, मनोज, जसवीर, नीमा देवी, सीमा देवी, नोशाद, जोगिंदर, विपिन, मुकेश आदि दर्जनों लाभार्थी उपस्थित थे।

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