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– होली कब है…कब है होली
शोले फ़िल्म में गब्बर सिंह के इस
डायलॉग को लोग आज तक भी खूब याद करते है। इसलिए, आपको ये जानकारी देना जरूरी है कि इस बार होली कब की है। जिससे होली में दोस्तों की धमाल चौकड़ी के साथ मिलकर बेहतर तैयारी में किसी तरह की आशंका व कोई खलल न रहे।
– पंडित नरेश शर्मा का कहना है कि हिंदू कैलेंडर के हिसाब से इस बार 2019 में होलिका दहन 20 मार्च यानि बुधवार और बड़ी रंगों की होली 21 मार्च को मनाई जाएगी। इस साल होली पर ग्रह-नक्षत्र बदल रहे हैं। इसलिए यह त्योहार बेहद खास बन जाता है। होलिका दहन 20 मार्च को है। होली के साथ साथ होलिका दहन का भी शुभ मुहूर्त भी होता है।
– जिला सिरमौर क्षेत्र के पंडित नरेश शर्मा, राम कृष्ण शर्मा व ब्रह्मानंद शर्मा कहते हैं भक्त
प्रह्लाद और होलिका की कहानी
होली मनाने के पीछे कई पौराणिक कथा कही गई है। जैसे, हिरण्यकश्यप और उसकी बहन होलिका की है। प्राचीन काल में अत्याचारी हिरण्यकश्यप ने तपस्या कर भगवान ब्रह्मा से अमर होने का वरदान पा लिया था। उसने ब्रह्मा से वरदान में मांगा था कि उसे संसार का कोई भी जीव-जन्तु, देवी-देवता, राक्षस या मनुष्य रात, दिन, पृथ्वी, आकाश, घर, या बाहर मार न सके।
वरदान पाते ही वह निरंकुश हो गया। उस दौरान परमात्मा में अटूट विश्वास रखने वाला प्रहलाद जैसा भक्त पैदा हुआ। प्रहलाद भगवान विष्णु का परम भक्त था और उसे भगवान विष्णु की कृपा-दृष्टि प्राप्त थी। हिरण्यकश्यप ने सभी को आदेश दिया था कि वह उसके अतिरिक्त किसी अन्य की स्तुति न करे लेकिन प्रहलाद नहीं माना। प्रहलाद के न मानने पर हिरण्यकश्यप ने उसे जान से मारने का प्रण लिया।
भक्ति की शक्ति वाले प्रहलाद को मारने के लिए उसने अनेक उपाय किए। लेकिन वह हमेशाप्रभु कृपा से बचते ही रहे। हिरण्यकश्यप की बहन होलिका को अग्नि से बचने का वरदान प्राप्त था। हिरण्यकश्यप ने योजना बनाई की अपनी बहन होलिका की मदद से आग में जलाकर मार दिया जाए। होलिका प्रहलाद को गोद में लेकर आग में जाकर बैठी। जबकि भक्ति सभी षड्यंत्रों पर भारी पड़ी। हुआ यूं कि होलिका ही आग में जलकर भस्म हो गई। प्रहलाद एक बार फिर से बच गया। कहा जाता है कि तभी से होली का त्योहार देश मे बुराई पर अच्छाई व प्रभु भक्ति की शक्ति के प्रतिक व सन्देश देने को मनाया जाने लगा ।
रंगों के त्यौहार की मस्ती के बीच अपना ख्याल रखना। इसके लिए रखें ये सावधानी
न्यूज़ पोर्टल्स की तरफ से आप सब को होली की शुभकामनाएं। लेकिन आप रंगों के पर्व पर अपने स्वास्थ्य का जरूर ध्यान रखें।
सीएमओ सिरमौर डॉ. केके पराशर ने न्यूज़ पोर्टल्स से विशेष बातचीत में सभी पाठकों को होली की शुभकामनाएं दी। सीएमओ ने होली की मस्ती में अपनी सेहत का ध्यान रखने को कुछ टिप्स दिए। होली में खास तौर से प्रयोग किए जाने वाले गहरे रंग कई तरह के खतरनाक केमिकलयुक्त व ऑक्सीडाइड होते हैं। यह रंग आपके स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव डालते हैं।
– केमिकल युक्त रंग आपकी त्वचा को तो खराब करेंगे ही, साथ ही जलन, खुजली, सूजन जैसी समस्याओं के जरिए त्वचा की गंभीर बीमारियों को जन्म दे सकते हैं।
– इन केमिकल युक्त रंगों का इस्तेमाल आपको कार्नियल अल्सर, कंजेक्टिवाइटिस और एलर्जी देने के साथ-साथ आपके आंखों की रौशनी भी छीन सकता है।
– सिविल अस्पताल पांवटा के इंचार्ज डॉ. संजीव सहगल ने कहा कि सिर की त्वचा पर लगने पर यह रंग त्वचा को प्रभावित कर डैंड्रफ जैसी समस्याओं के साथ बालों को कमजोर कर, बाल झड़ने के लिए भी जिम्मेदार हो सकता है।
– हवा में उड़ते यह रंग आपको सांस संबंधी समस्याएं देकर दमा का मरीज भी बना सकते हैं। आँखों मे रंग पड़ने से बुरा असर पड़ सकता है। अगर आपको पहले से ऐसी कोई समस्या है तो सूखे रंगों का प्रयोग न करें।
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