News portals-सबकी खबर (पांवटा साहिब )
जीवनदायिनी कहलाने वाली 108 एंबुलेंस सेवा कई बार कर्मचारियों की लापरवाही मरीजों के आफत बन जाती है। बुधवार शाम को 108 की लापरवाही मासूम के जीवन पर भारी पड़ी। दरअसल नवादा गांव की 5 वर्ष की खुशी की दो उंगलियां घास काटने की मशीन में कट गई थी। पावटा अस्पताल से खुशी को तुरंत नाहन मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया लेकिन 108 की लापरवाही देखिए। एंबुलेंस सेवा को फोन करने के 2 घंटे बाद खुशी को एंबुलेंस मिल सकी। 5 साल की मासूम ने गंभीर दर्द सहते हुए 2 घंटे कैसे बिताई इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता।
खुशी के पिता नवादा निवासी राजन ने बताया कि खुशी एक और बच्ची के साथ आंगन में खेल रही थी। इस दौरान बच्चों ने घास काटने की मशीन चला दी। मशीन के अंदर खुशी की दो उंगलियां आ गई जिनमें से एक बिल्कुल अलग हो गई जबकि एक उंगली थोड़ी सी बची है। ऐसे हालत में खुशी को तुरंत सर्जरी की जरूरत थी ताकि उसकी अलग हो चुकी उंगली और थोड़ी सी बची उंगली को वापस जोड़ जा सके। बेहद गंभीर रूप से जख्मी खुशी को पावटा अस्पताल से तुरंत नाहन मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया गया रफर के तुरंत बाद 4:45 पर 108 को पहली कॉल की गई इस दौरान खुशी के परिजन सहित अस्पताल के लोग लगातार 108 से संपर्क करते रहें लेकिन एंबुलेंस नहीं आई इस दौरान इस दौरान खुशी की हालत लगातार बिगड़ती जा रही थी लेकिन 108 से लगातार आश्वासन ही मिल रहे थे हालांकि शाम 6.35 पर एंबुलेंस पहुंची लेकिन त्वरित सेवा का दावा करने वाली 108 लगभग 2 घंटे बाद खुशी को लेने पहुंची।
अब सवाल यह उठता है कि तुरंत सर्जरी की जरूरत वाले इस मामले में यदि देर होने की वजह से खुशी की उंगलियां नहीं जोड़ी जा सकी तो इसके लिए जिम्मेदार कौन होगा क्या 108 की लापरवाही से खुशी के दुखों की भरपाई हो पाएगी।
उधर इस संबंध में जीवीके के प्रबंधक आकाशदीप को अवगत करवाया गया। उन्होंने कहा कि मामले की जांच की जाएगी लापरवाही सामने आती है तो कार्रवाई भी की जाएगी।
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