News portals-सबकी खबर (संगड़ाह)
सिरमौर, शिमला व सोलन जिला के 200 के करीब शिव भक्त बर्फीली घाटी पार कर शिवरात्रि मनाने चूड़धार पहुंचे। समुंद्र तल से 11,969 फुट की ऊंचाई पर स्थित प्रसिद्ध आस्था स्थल चूड़धार में इन दिनों चार से 5 फुट बर्फ जमी हुई है। हालांकि मंदिर परिसर में बर्फ पूरी तरह से साफ हो चुकी है, मगर रास्ते में कईं स्थानों पर 5 फुट से अधिक बर्फ जमी हुई है। नौहराधार से चूड़धार जाने वाले रास्ते पर तीसरी से लेकर चूड़धार तक 5 फुट बर्फ जमी हुई है। सराहं चूड़धार रास्ते पर भी कईं स्थानों पर इतनी ही बर्फ जमी हुई है।
बता दें कि, चूड़धार के कपाट वैशाखी तक परम्परा के अनुसार बंद है तथा यहां अप्रीय घटनाओं को रोकने के लिए प्रशासन द्वारा यात्रा पर अभी प्रतिबंध लगाया गया है। मंदिर के कपाट बंद होने के चलते यहां सेवा समिति की सरायं भी कानूनन बंद है। बुधवार देर रात तक उक्त चूड़धार श्रधालुओं का जत्था चूड़धार पंहुचा। यात्रा पर रोक होने के कारण इन दिनों चूड़धार में ठहरने व खाने पीने की कोई व्यवस्था नही है। बुधवार रात चूड़धार पहुंचे श्रद्धालुओं के लिए भोजन की व्यवस्था यहां बर्फबारी के दौरान रहने वाले संन्यासी कमलानन्द गिरी को करनी पड़ी।
स्वामी कमलानन्द ने आश्रम में कुछ श्रद्धालुओं के ठहरने की भी व्यवस्था की, मगर जगह अथवा कमरों के अभाव के चलते अधिकतर श्रद्धालुओं को गुफाओं व टेंट में रात गुजारनी पड़ी। गुरुवार को शिव भक्त शिवलिंग चोटी पर पहुंचे तथा यहां शिव आराधना की। चूड़ेश्वर सेवा समिति के प्रबंधक बाबूराम शर्मा ने श्रद्धालुओं से कपाट बंद होने तथा प्रशासनिक प्रतिबंध के दौरान बर्फ से ढकी चूड़धार की जोखिमपूर्ण न करने की अपील की। उन्होंने बताया कि, चूड़ेश्वर सेवा समिति की सराय व भंडारा सेवा कपाट खुलने तक बंद रहेगी। वहां पर सभी अस्थाई ढाबे व दुकानें भी बंद है। जिसके कारण चूड़धार में खाने पीने व ठहरने की कोई भी व्यवस्था नहीं है तथा प्रशासन द्वारा 30 अप्रेल तक यात्रा पर रोक लगाई गई है।
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