News portals-सबकी खबर (हमीपुर )
चीन-भारत सीमा विवाद में शहीद हुए हमीरपुर जिला की भोरंज तहसील के गांव कड़ोहता के 21 वर्षीय वीर सपूत शहीद सैनिक अंकुश ठाकुर की पार्थिव देह शुक्रवार को उनके पैतृक गांव पहुंची। यहां पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनके पैतृक गांव स्थित श्मशानघाट पर शहीद का अतिम संस्कार कर दिया गया। शहीद अकुश ठाकुर की चिता को उनके छोटे भाई आदित्य ने मुखाग्नि दी। उनकी अंतिम यात्रा में सैकड़ों लोगों का काफिला चला। इसमें उनकी मां और गांव की अन्य महिलाएं भी शमशानघाट तक पहुंचीं। उनके परिजन और हमीरपुर के अलावा मंडी, बिलासपुर तथा ऊना जिले से भी लोग भी शामिल हुए। इससे पहले शुक्रवार सुबह पहले लेह से हेलिकॉप्टर द्वारा उनकी पार्थिव देह चंडीगढ़ तक लाई गई। उसके बाद मौसम की रिपोर्ट ठीक न होने के कारण चंडीगढ़ से उन्हें आर्मी के वाहन में रोड से भोरंज स्थित उनके पैतृक गांव कड़ोहता लाया गया। ऊना से उनके काफिले के साथ कई लोग शामिल हो गए थे। उसके बाद जैसे ही हमीरपुर की सीमा में उनकी पार्थिव देह पहुंची, तो युवाओं का काफी संख्या में बाइकों का काफिला उनके पीछे चला। इस दौरान पंजाब रेजिमेंट के जवान भी उनके साथ मौजूद थे। क्योंकि वीर सपूत को शहादत पाए पांच दिन हो चुके थे, ऐसे में उनके पार्थिव शरीर को और ज्यादा रखना संभव नहीं था। इसलिए उनके घर के आंगन में भी लोगों के दर्शनों के लिए 20 से 25 मिनट तिरंगे में लिपटे ताबूत को वहां रखा गया और उसके बाद सीधे उन्हें गांव के श्मशानघाट ले जाया गया, जहां पूरे राजकीय सम्मान के साथ शहीद का अंतिम संस्कार किया गया। इस अवसर पर भारतीय थल सेना की ओर से शहीद के साथ आए सात सैनिकों ने बंदूकें उल्टी कर ससम्मान वीर सैनिक शहीद अंकुश ठाकुर को सलामी दी और उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। बता दें कि भारतीय सेना में हिमाचल प्रदेश के जिला हमीरपुर के वीर सपूत अंकुश ठाकुर 15 जून को लद्दाख क्षेत्र में भारत-चीन सीमा पर गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ झड़प में शहीद हो गए थे। जिला प्रशासन की ओर से उपायुक्त हरिकेश मीणा, पुलिस अधीक्षक अर्जित सेन ठाकुर ने देश के वीर सपूत शहीद अंकुश ठाकुर को पुष्पांजलि अर्पित की।
अंकुश भाई अमर रहे
जब तक सूरज चांद रहेगा, अंकुश तेरा नाम रहेगा, अंकुश भाई अमर रहे जैसी नारेबाजी मौके पर मौजूद युवा करते रहे। उन्होंने देश की खातिर कुर्बान हुए वीर सपूत अंकुश ठाकुर के पक्ष में जहां नारेबाजी की, वहीं चीन को उसकी कायरता के लिए दुत्कारा। युवाओं के इन नारों के बीच वहां एकत्रित लोगों ने नौजवान वीर सैनिक अंकुश ठाकुर को अश्रुपूर्ण विदाई दी।
युगों सा बीता हर पल
गलवान घाटी में एएलसी पर 15 जून की शाम चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में शहीद हुए हिमाचल के सपूत अंकुश ठाकुर का पार्थिव शरीर शहादत के पांचवें दिन उनके पैतृक गांव पहुंचा। शहीद अंकुश के परिजनों को बुधवार सुबह उनके बेटे के शहीद होने की सूचना मिली थी। उसके बाद से अंकुश के माता-पिता, रिश्तेदार आसपास के लोग सब गम में डूबे हुए हैं। बेटे की शहादत की खबर मिलने के बाद अंकुश के माता-पिता ने ये तीन दिन किस पीड़ा में बिताए हैं, इसका अंदाजा लगा पाना भी मुश्किल है। उनके लिए एक-एक पल युगों-युगों जैसे बीता होगा। लगातार तीन दिन तक रोते-रोते मां की आंखों से पानी भी सूखने लगा था, लेकिन उनका दर्द कम होने के बजाय लगातार बढ़ता गया।
आज शहीद के परिजनों से मिलने पहुंचेंगे मुख्यमंत्री जयराम
हमीरपुर। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर देश की खातिर शहीद हुए कड़ोहता गांव के अंकुश ठाकुर से मिलने और उन्हें सांत्वना देने के लिए शनिवार को उनके पैतृक गांव आएंगे। वह सुबह हेलिकॉप्टर से दस बजे शिमला स्थित अनाडेल से उड़ान भरेंगे और साढ़े दस बजे भोटा स्थित राधा स्वामी सत्संग ब्यास के मैदान में उतरेंगे। यहां से वह सड़क मार्ग से कड़ोहता के लिए रवाना होंगे, जहां उनके 11 बजे तक पहुंचने की सूचना है।
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