समग्र शिक्षा विभाग की रिपोर्ट में हुआ खुलासा
News portals-सबकी खबर (शिमला)
हिमाचल प्रदेश के 25.38 फीसदी सरकारी स्कूल अभी भी ऐसे हैं, जहां भवन तो है, लेकिन छात्रों को खेलने के लिए प्ले ग्राउंड नहीं है। ऐसे में अब सवाल यही उठता है कि आखिर बिना ग्राउंड से छात्रों का शारीरिक विकास कैसे हो रहा होगा।
समग्र शिक्षा विभाग की एक रिपोर्ट के मुताबिक हिमाचल के 15329 में से 3891 स्कूलों में खेलने के लिए ग्राउंड ही नहीं है, जबकि 11438 स्कूलों में भवन के साथ ही छात्रों को खेलकूद की सुविधाएं भी दी जा रही हैं। बता दें कि प्रदेश सरकार ने खेलो इंडिया जैसे स्पोर्ट्स में छात्रों को बाहर जाने का अवसर प्रदान किया है। हर साल खेलो इंडिया के तहत छात्रों को बाहरी राज्यों में खेलने के लिए भेजा जाता है।
साथ ही स्कूल व कालेज लेवल पर जिला, राज्य स्तरीय खेल प्रतियोगिताएं भी शिक्षा विभाग की ओर से आयोजित की जाती हैं। हजारों की संख्या में ऐसे छात्र अभी भी हैं, जो सरकारी स्कूलों में पढ़ते तो हैं, लेकिन शारीरिक गतिविधियां न होने की वजह से उनका विकास नहीं हो पाता है। इसके अलावा लंच समय में जिन छात्रों ने पढ़ाई के बाद खेलना हो, उनके लिए यह समस्या बड़ी है।
गौर हो कि बिलासपुर में 639, चंबा 1109, हमीरपुर 678, कांगड़ा 2188, किन्नौर 208, कुल्लू 707, लाहुल-स्पीति 88, मंडी 1820, शिमला 1661, सिरमौर 897, सोलन 798, ऊना के 645 स्कूलों में ही प्लेग्राउंड की सुविधा दी जा रही है। कुल मिलाकर स्कूलों में अभी भी तीन हजार से ज्यादा सरकारी स्कूलों में ग्राउंड की कमी होना कई सवाल उठाता है। उधर, इस मामले पर समग्र शिक्षा निदेशालय के निदेशक आशीष कोहली ने कहा कि साढ़े तीन हजार से ज्यादा स्कूलों में प्लेग्राउंड की सुविधा न होने का खुलासा हुआ है |
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