News portals- सबकी खबर (शिलाई) प्रदेश के सिरमौर जिले में हुए दर्दनाक हादसे में 3 वर्षीय बालक लक्ष्य ने अपने माता-पिता सहित 3 बहनों को खोया | हादसे के दौरान बच्चा घर से दूर दूसरे घर दादा- दादी के साथ गया था | घर आते ही लक्ष्य ने सवाल किया कि मम्मी-पापा कहा गए है ? मासूम के इस सवाल ने सबकी आँखों से अश्रु छलका दिए | परन्तु किसी के पास भी इओस सवाल का जवाब नही था | इसके बाद उसे लक्ष्य के सवाल में उसकी दीदी ईशिता का नाम आया | उसने बुआ से पूछा कहां है दीदी। मासूम बच्चे को पड़ोस के घर में उसकी बुआ मोनिका के साथ रखा गया था परन्तु, सवाल से बुआ मोनिका बार-बार बुआ निशब्द रह गईं। फिर कलेजे पर पत्थर रख उसे बहलाने के लिए सिर्फ इतना कहा कि उसकी लाडली बहन शिलाई गई है। उसकी दीदी को शिलाई भेजने की बात इसलिए कहनी पड़ी क्योंकि ईशिता का चयन फोक डांस की ब्लॉक स्तरीय स्पर्धा के लिए हुआ था जिसे गत सोमवार को शिलाई जाना था। इसकी सारी तैयारियां रविवार की रात ही कर ली गईं थीं। बुआ का जवाब सुनने के बाद लक्ष्य रोजमर्रा की तरह अपनी अठखेलियों में लग गया। घर में सांत्वना देने के लिए रिश्तेदारों तथा पड़ोसियों का आना शुरू हो गया है | पहले तो घरवालों को समझ नहीं आया कि मासूम को इस माहौल से कैसे दूर रखें। फिर परिजनों ने उसे इस माहौल से अलग करने के लिए साथ लगते दूसरे घर भेज दिया, जहां दिनभर बुआ मोनिका उसके साथ रही। बुआ मोनिका ने उसको बहलाने के लिए हर संभव प्रयास किए कभी मोबाइल देकर उसे व्यस्त रखा तो कभी कलेजे से लगाकर उसे बहन और मां-बाप का प्यार देने की कोशिश की। दोपहर को मासूम खाना खाने के बाद सो तो गया लेकिन उठने के बाद उसने फिर से अम्मा पापा व बहनों को ढूंढना शुरू कर दिया। सभी को यह चिंता सताए जा रही है आज का दिन तो क्त गया परन्तु , आने वाले दिनों में मासूम बच्चे को क्या जवाब देगे | मम्मी-पापा और बहनों को तलाशती उसकी नज़रे इंतज़ार कर रही है कि वह सब वापिस आयेगे | शिलाई उपमंडल के रोनहाट के समीप खिजवाड़ी गांव का लक्ष्य अपने पिता प्रदीप और माता ममता सहित अपनी तीन बहनों ईशिता (8), अलीशा (6) व ऐरंग (2) को एक दर्दनाक हादसे में हमेशा के लिए खो चुका है। इस बीच परिजनों में इस बात की चिंता दोहरी बढ़ गई है। एक तरफ तो परिवार पर दुखों का पहाड़ टूटा है, दूसरी ओर तीन साल के मासूम की जिम्मेदारी भी अब हर तरह से उनके कंधों पर आ गई है। मासूम लक्ष्य का अधिकतर समय पहले भी अपने दादा दौलतराम और दादी मेहंदी देवी के साथ ही गुजरता है। स्व. प्रदीप की आखिरी निशानी के तौर पर लक्ष्य परिवार में जीवित बचा है, जो हादसे के दिन दूसरे घर में अपने दादा-दादी के पास ही सोया था। हादसे में प्रदीप की पत्नी 27 ममता वर्षीय की भी मौत हो गई | ग्राम पंचायत रास्त के पूर्व प्रधान सतपाल चौहान, हरि सिंह ठाकुर, मोहन सिंह चौहान, दलीप सिंह चौहान, रविंद्र ठाकुर, जीवन सिंह आदि लोगों ने बताया कि खिजवाड़ी गांव के समीप राकसोड़ी नामक स्थान पर मलबे के नीचे दबने से चार बच्चों सहित दंपति की मौत हो गई थी। उन्होंने स्थानीय प्रशासन और सरकार से पीड़ित परिवार को जल्द मुआवजा राशि जारी करने का आग्रह किया है।
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