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हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक व मानवजनित हादसे जानलेवा हो गए हैं। प्रदेश में हर दिन तीन से ज्यादा लोगों की मौत हो रही है। सबसे ज्यादा मौतें सड़क हादसों में पेश आ रही हैं। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में पहली मार्च से लेकर अब तक कुल 380 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से 242 मौतें सिर्फ सड़क हादसों में पेश आ रही हैं। वही बुधवार को भी प्रदेश में तीन हादसे पेश आए हैं। इनमें चार लोगों की मौत हुई है | राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मुताबिक कुल्लू जिला में पैराग्लाइड क्रैश होने से दो लोगों की मौत हुई है।
वहीं सिरमौर और शिमला जिला में हुए दो अलग-अलग सड़क हादसों में दो लोगों की मौत हुई है। सड़क हादसे प्रदेश में सबसे ज्यादा जानलेवा होते जा रहे हैं। प्रदेश में साढ़े तीन महीनों के अंतराल में 242 लोगों ने सड़क हादसों में जान खोई है। सड़क हादसों में सबसे ज्यादा मौतें शिमला जिला में हुई हैं। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण से प्राप्त जानकारी के अनुसार शिमला में 53 लोगों की मौत हुई है। शिमला के बाद चंबा जिला दूसरे स्थान पर है।
चंबा में 32 लोगों की सड़क हादसों में मौत हुई है। इसके अलावा बिलासपुर में 13, हमीरपुर में 8, कांगड़ा में 13, किन्नौर में 5, कुल्लू में 11, लाहुल-स्पीति में 4, मंडी में 30, सिरमौर में 27, सोलन और ऊना में 23 लोगों की मौत हुई है। परिवहन विभाग के अधिकारियो का कहना है कि 90 फीसदी सड़क हादसे मानवीय भूलों के कारण पेश आ रहे हैं। यातायात नियमों का पालन न करने और शराब पीकर वाहन चलाने के कारण सबसे ज्यादा मौतें पेश आ रही हैं। सड़क सुरक्षा नियमों का पालन करके ही सड़क हादसों पर अंकुश पाया जा सकता है। हालांकि परिवहन विभाग की ओर से लोगों को सड़क सुरक्षा नियमों के बारे में लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है।
सड़क हादसें 242
आसमानी बिजली 01
भू-स्खलन 02
डूबने से 31
आग से 09
सांप के काटने से 02
करंट लगने से 05
गिरने से 75
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