न्यूज़ पोर्टल्स:सबकी खबर(संगड़ाह)
प्रदेश सरकार की कल्याणकारी सरकार एक ओर जहां शिक्षा में गुणवत्ता लाने व छात्रों को कईं तरह की सुविधाएं मुहैया करवाने के बड़े-बड़े दावे करते नहीं थकती, वहीं उपमंडल संगड़ाह जैसे दूरदराज इलाकों में छात्रों से स्कूल पहुंचने के साधन भी सरकारी उपेक्षा के कारण छिनते जा रहे हैं।
आदर्श जमा दो विद्यालय संगड़ाह व कस्बे के अन्य शिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाले 40 के करीब छात्र शनिवार को दूसरे दिन भी बसे न रुकने के चलते स्कूल नहीं पहुंच सके। संगड़ाह पांच किलोमीटर दूर स्थित गावं बोरली में परिवहन निगम की सुबह दस बजे से पहले आने वाली कूंहट व लोकल बसें न रुकने के चलते गांव लगनू, बोरली, रेडली व बैरारा के तीन दर्जन छात्र पैदल चलकर ग्यारह बजे के करीब संगड़ाह पंहुचें। दोनो दिन स्कूल पंहुचने तक उनकी गैरहाजिरी लग चुकी है।
इसके अलावा शनिवार को डुंगी बस स्टोप पर भी परिवहन निगम की दस बजे से पहले आने वाली देवना-थनगा बस शनिवार को नहीं रुकी, जिसके कारण गांव भावना, कड़ियाना व डुंगी आदि के महाविद्यालय व एक निजी स्कूल में पढ़ने वाले छात्र लेट हो गए। देवना, कूंहट व लोकल बसों के चालक परिचालकों पर कुछ दिव्यागों व बुजुर्गों द्वारा सीटिंग कैपेसिटी से कम यात्री होने पर भी बसें न रोकने का आरोप लगाया गया।
संगड़ाह लाइमस्टोन माइन पर चौकीदार का काम करने वाले दिव्यांग भीम सिंह ने बताया कि, शनिवार दोपहर एक बजे देवना बस के चालक द्वारा उनके लिए बस नहीं रोकी गई तथा उन्हें बैसाखी के सहारे माइन से घर तक तीन किलोमीटर पैदल चलना पड़ा। शुक्रवार को लोकल बस के चालक द्वारा छात्र से मारपीट किए जाने तथा बसें न रोकने के मुद्दे को लेकर छात्रों द्वारा बस अड्डा बाजार में रोष रैली निकाली जा चुकी है। छात्रों द्वारा उक्त मामले में एसडीएम को ज्ञापन भी सौंपा जा चुका है।
शनिवार को आदर्श विद्यालय की एसएमसी की बैठक में भी संगड़ाह के दस किलोमीटर की परिधि में एक अतिरिक्त बस चलाने का निर्णय लिया गया तथा छात्रों के लिए बस की व्यवस्था न होने के लिए प्रशासन के प्रति नाराजगी जताई गई। अभिभावकों की मानें तो छात्रों को न बिठाने वाली कुछ सरकारी बसों के संगड़ाह पंहुचने तक सीटिंग कैपेसिटी से भी कम यात्रियों के टिकट बने होते हैं। उपमंडल संगड़ाह में चार माह पूर्व चौदह निजी बसों के रूट सेंक्शन होने के बावजूद उक्त बसें न चलने के लिए भी अभिभावकों ने नाराजगी जताई। एसडीएम संगड़ाह के अनुसार छात्रों की शिकायत के मामले में नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है। एचआरटीसी के संबंधित चालक परिचालकों के अनुसार गत सप्ताह से पुलिस द्वारा बसों की क्षमता से ज्यादा होने पर चालान काटे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि, सीटिंग कैपेसिटी के मुताबिक यात्रियों को बिठाया जा जाया जा रहा है तथा अतिरिक्त सवारिया छोड़नी पड़ रही है।
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