News Portals-सबकी खबर: (पांवटा साहिब )
रामपुरघाट के प्रवासी मजदूर की बेटी खुशी ने हारी जीवन की जंग । आग से झुलसी मासूम ने शनिवार सुबह 4:00 बजे पीजीआई चंडीगढ़ में दम तोड़ा है । दम तोड़ने के बाद मासूम बच्चे को एंबुलेंस की सहायता से पांवटा लाया गया जहां पर पांवटा सरल संस्कार सोसायटी द्वारा बच्ची का अंतिम संस्कार किया। प्रवासी मजदूर की बेटी आग से झुलस ने के बाद मजदूर प्रवासी के पास बेटी के इलाज के लिए पैसे नहीं थे जिसके बाद न्यूज़ पोर्टलस-सबकी खबर द्वारा लोगो से आग से झुलसी बेटी की मदद की गुहार लगाई गई । जिसमें की लोगों ने भी अपनी आमदनी के अनुसार बेटी के माता पिता के खाते में धनराशि दी ताकि मासूम बच्ची का इलाज अच्छे से हो सके । वही चंडीगढ़ की Udham ngo समाजसेवी ने बेटी के दवाई का सारा बीड़ा उठाया हुआ था । 90 प्रतिशत जलने के बाद भी मासूम बच्ची जिंदगी से लड़ती रही लेकिन आज शनिवार को बच्चे की मृत्यु हो गई। दिव्यांग आत्मा को शांति प्रदान करें, ऐसी दुख की घड़ी में मासूम बच्ची की माँ और पिता को सहानुभूति व हिम्मत दे।
बता दे कि उपमंडल पांवटा साहिब के रामपुर घाट में एक 7 वर्षीय मासूम बच्ची बच्चों के साथ खेलते समय माचिस की तीली से झुलस गई हैं। मासूम बच्ची को निजी गाड़ी की सहायता से पांवटा सिविल अस्पताल लाया गया जहां पर घायल बच्ची को डॉक्टर ने हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिया। जानकारी के अनुसार बुधवार को दोपहर के समय 7वर्षीय खुशी बच्चों के साथ खेल रही थी कि अन्य बच्चे द्वारा माचिस की तीली चलाई गई जिससे 7 वर्षीय बच्ची के बाल में अचानक आग लग गई । आग लगने के बाद बच्ची जोर जोर से चिलाने लगी ,जिससे देख कर इर्द गिर्द लोगों ने बच्ची के सिर में आग देखकर आग पर काबू पाया लेकिन 7 वर्षीय मासूम बच्ची तब तक आग से काफी झुलस गई थी। जिसके बाद घायल बच्ची को निजी वाहन में पावटा सिविल अस्पताल लाया गया, जहां पर डॉ राजीव चौहान द्वारा घायल बच्ची को जांचा गया । घायल बच्ची को अधिक घायल होने पर हाय सेंटर नाहन के लिए रेफर कर दिया है ।
वही 7 वर्षीय मासूम बच्ची खुशी के पिता कृष्ण सिंह माता नीलू उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं । जोकि पांवटा साहिब के रामपुर घाट में किसी निजी कंपनी में कार्य करते हैं। 7 वर्षीय घायल बच्ची के माता पिता जब बच्ची को उपचार के लिए लाए तो प्रवासी मजदूर के पास बच्चे के उपचार के लिए पैसे नहीं थे जिसके उपरांत बच्चे के पिता कृष्णा रामपुर घाट पैसो का बंदोबस्त के लिए चले गए लेकिन अभी तक 1 घंटे का समय हो गया है लेकिन बच्ची के पिता अभी तक वापस नहीं लौटे हैं । घायल बच्ची अभी तक सिविल अस्पताल में ही है । जिसको डॉ ने रेफर कर दिया है ।
करोना वायरस और कर्फ्यू व लॉक डाउन के बीच में 07 अप्रैल को पांवटा साहिब के रामपुरघाट में एक सात साल की बच्ची खेलते खेलते आग लगने से बुरी तरह से झुलस गई है जिनके बाद पांवटा साहिब से नाहन ओर नाहन से चंडीगढ़ के पीजीआई चंडीगढ़ के लिए रेफर कर दिया है जहाँ बच्ची अभी जिंदगी और मौत से जूझ रही है।
चंडीगढ़ में सभी दवाईयां बाहर के मैडिकल स्टोर से खरीदनी पड़ रही है। लेकिन खुशी के पिता यहां पर प्रवासी मजदूरी का कार्य करते है वही परिवार निर्धन होने के कारण दवाई पुरी नहीं कर पा रहे है ।
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