News portals -सबकी खबर (नाहन )हिमाचल प्रदेश में भारी मूसलाधार बारिश होने के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। दो दिनों से लगातार बढती बारिश से जिला सिरमौर की 82 सडक़ें भारी भू-स्खलन और मलबा आने से विभिन्न स्थानों पर बंद हो गई हैं। जिला सिरमौर के नदी-नालों में जल स्तर बहुत ज्यादा बढऩे से गिरि, जलाल, मारकंडा, बाता व यमुना नदी में बाढ़ की स्थिति बन गई है। बीते 28 घंटे की मूसलाधार बारिश से जिला सिरमौर के जटौन बांध के सभी 10 में से 10 फ्लड गेटों को खोल दिया गया है। वहीं निचले क्षेत्रों में अल्र्ट जारी किया गया है। आवासीय अभियंता गिरि हाइड्रो प्रोजेक्ट गिरिनजर ईं. रणधीर सिंह ठाकुर ने बताया कि रविवार को गिरि व जलाल नदी में भारी बारिश से 10 में से 10 फ्लड गेटों को खोला गया है। जिसमें छह गेट को पांच फुट तक, जबकि चार गेटों को दो फुट तक खबर लिखे जाने तक खोला गया था। वहीं लगातार मूसलाधार बारिश जारी रही। इस बीच जटौन बांध में 2466 पीपीएम सिल्ट आने से दोनों टरबाइनों को भी बंद करना पड़ा।उधर जारी बारिश से लोक निर्माण, जल शक्ति, विद्युत बोर्ड की सेवाएं जिला में प्रभावित हुई हैं। वहीं अधीक्षण अभियंता लोक निर्माण विभाग सिरमौर ईं. अरविंद कुमार ने बताया कि जिला सिरमौर में जारी बारिश से 48 घंटों के भीतर 82 सडक़ें भू-स्खलन के चलते बाधित हुई हैं। वहीं सर्वाधिक सडक़ें शिलाई लोक निर्माण विभाग के तहत 37 सडक़ें बंद हुई हैं। वहीं उपमंडल संगड़ाह के तहत 17, मंडल नाहन के तहत नौ सडक़ें, सराहां मंडल के तहत सात सडक़ें, पांवटा साहिब लोक निर्माण विभाग के तहत पांच सडक़ें, जबकि राजगढ़ के तहत सात सडक़ें बाधित हुई हैं। उन्होंने बताया कि 24 घंटे की भारी बारिश के भीतर ही सिरमौर की 63 सडक़ें बाधित हुई हैं। वहीं विभाग को 48 घंटों के भीतर 4.50 करोड़ का नुकसान आकलन हुआ है।
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