News portals-सबकी खबर (संगड़ाह)
लाप्रवाही बरतते हुए प्रशासन द्वारा अतिक्रमणकारियों पर कार्यवाही न किए जाने तथा जमीन के दाम बढ़कर 50 लाख रुपए बीघा तक पंहुचने के चलते उपमंडल संगड़ाह में सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण का दौर जारी है।जिसपे अभी तक कोई कार्यवाही नही की जा रही है । हालांकि प्रदेश उच्च न्यायालय तथा गत माह जिला सिरमौर जिला मुख्यालय नाहन में अवैध कब्जे हटाए जाने का भी उपमंडल संगड़ाह के अतिक्रमणकारियों तथा प्रशासनिक अधिकारियों पर कोई असर होता नजर नहीं आ रहा है। अतिक्रमण को लेकर राजस्व विभाग अथवा स्थानीय प्रशासन की लापरवाही का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि, गत 10 जुलाई को हुई राजकीय महाविद्यालय संगड़ाह की 32 बीघा 16 बिस्वा जमीन पर अवैध कब्जे संबंधी निशानदेही की रिपोर्ट राजस्व विभाग द्वारा आज तक नहीं की गई।
गौरतलब हो कि वर्ष 2006 से चल रहे इस महाविद्यालय की करीब आधा बीघा भूमि पर जहां 2014 में ग्रामीण हाट भवन के लिए कब्जा होने की शिकायत एसडीएम को भेजी गई था, वहीं अगस्त 2017 में संपर्क मार्ग के निचले हिस्से में आधा दर्जन प्रभावशाली लोगों द्वारा अपने मकान बनाने के लिए अतिक्रमण किया गया।
बता दे कि महाविद्यालय की करीब दो बीघा भूमि पर अतिक्रमण हुआ है, हालांकि निशानदेही करने वाले अधिकारी मात्र तीन स्थाई कब्जे बता रहे हैं। कॉलेज के अलावा संगड़ाह कस्बे की तीनों मुख्य सड़कों पर भी अवैध कब्जों का दौर बदस्तूर जारी है तथा इनमें से संगड़ाह-राजगढ़ मार्ग पर इसी साल आधा दर्जन स्थानों पर निजी भवनों के लिए अतिक्रमण किया गया है। उक्त मार्ग पर मकान बनाने वालों द्वारा खुदाई से निकलने वाले मलवे के ढेर भी सड़क किनारे ही लगाए जा रहे हैं तथा विभाग इस बारे अब तक मौन है।
वही विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार गत फरवरी माह में क्षेत्र की सड़कों अथवा लोक निर्माण विभाग की जमीन पर कब्जा करने वाले 37 लोगों के बिजली-पानी के कनेक्शन काटे जाने को लेकर संबंधित एसडीओ को लिखा जा चुका है। अवैध कब्जों पर कार्यवाही न होने के चलते जहां बस अड्डे से मिनी सचिवालय जाने वाले संपर्क मार्ग पर छोटे वाहन तक नहीं जा पा रहे हैं, वही पुराने एसडीएम कार्यालय चौंक के समीप 35 फुट चौड़ी सड़क महज 12 फुट रह गई है। उधर, संगड़ाह में मौजूद राजस्व विभाग की 616 बीघा तथा पंचायत की 108 बीघा जमीन की फैंसिंग न होने से उक्त सरकारी भूमि पर भूमि धीरे-धीरे अतिक्रमण जारी है। 16 अक्टूबर 2014 को प्रशासन द्वारा हालांकि लोक निर्माण विभाग की जमीन पर बनी चार लोगों की दर्जन भर दुकानों पर ताले जड़े गए थे, मगर लोक निर्माण विभाग द्वारा आज तक उक्त कब्जे हटाने संबंधी कार्यवाही नहीं की गई। राजकीय महाविद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ दिनेश भारद्वाज ने बताया कि, महाविद्यालय की जमीन पर हो रहे अवैध कब्जे को लेकर उन्होंने 28 दिसंबर 2018 को एसडीएम को निशानदेही के लिए लिखा था, जिसके 6 माह बाद गत 10 जुलाई को निशानदेही हो सकी। उन्होंने कहा कि, 17 अगस्त को उन्होंने निशानदेही की रिपोर्ट के लिए तहसीलदार संगड़ाह को लिखा मगर दो माह बीत जाने के बावजूद उक्त रिपोर्ट नहीं मिली। तहसीलदार संगड़ाह आत्माराम नेगी ने इस बारे नायब तहसीलदार अथवा उनके कार्यालय में संपर्क करने को कहा।
क्या कहना है नायब तहसीलदार रामभज
नायब तहसीलदार रामभज ने कहा कि, उक्त निशानदेही उनकी यहां नियुक्ति से पहले हुई है तथा उन्हें इसकी रिपोर्ट संबंधी जानकारी नहीं है। एसडीएम संगड़ाह राहुल कुमार ने कहा कि, निशानदेही संबंधी जानकारी तहसीलदार व नायब तहसीलदार ही दे सकते हैं।
जानिए लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता क्या कहते है ।
लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता संगड़ाह रतन शर्मा ने कहा कि, सड़कों पर अवैध कब्जे करने वाले तीन दर्जन लोगों के बिजली व पानी के कनेक्शन काटने के लिए संबंधित विभाग को लिखा जा चुका है। उन्होंने कहा कि, सड़कों पर अवैध कब्जे करने वालों के खिलाफ समय-समय पर नियमानुसार कार्यवाही की जाती है।
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