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चलने वाली विधानसभा के शीतकालीन सत्र में हर विधायक को तीन तारांकित और दो अतारांकित प्रश्न पूछने का मौका मिलेगा। इसके तहत छह दिन के प्रस्तावित शीतकालीन सत्र में हर विधायक को 18 तारांकित और 12 अतारांकित सवाल पटल पर रखने का हक होगा। बता दे कि धर्मशाला में नौ दिसंबर से शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र के लिए यह व्यवस्था विधानसभा प्रशासन ने प्रदान की है। आपको बताते चले कि इस सत्र के आयोजन के लिए राज्यपाल की मंजूरी मिल गई है।
कैबिनेट की सहमति के बाद मंगलवार को राज्यपाल ने सत्र को अपनी मंजूरी दी। इस सत्र में कुल छह बैठकें होंगी, जिसमें से एक निजी सदस्य कार्य दिवस रहेगा। नौ दिसंबर से शुरू होने वाला विधानसभा का यह सत्र 14 दिसंबर तक चलेगा। पहले दिन सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे से शुरू होगी। विंटर सेशन के दौरान धौलाधार की सर्द हवाओं के बीच तपोवन में गरमाहट आएगी।विंटर सेशन के लिए विधानसभा सचिवालय ने विधायकों से सवाल मांग लिए हैं। प्रश्नकाल को प्रभावी बनाने के लिए उन्हें कहा गया है कि वह प्रदेश हित के मामलों को लेकर अपने सवाल भेजें। मॉनसून सत्र के दौरान जिन सवालों के जवाब नहीं आ सके थे उन्हें भी यहां कार्यवाही में शामिल किया जाएगा जिनके जवाब सरकार को इस सत्र में देने होंगे।
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय द्वारा सेशन को मंजूरी दिए जाने के बाद विधानसभा के अध्यक्ष डा. राजीव बिंदल ने कहा कि सत्र को उपयोगी बनाने के लिए सभी विधायक इसमें पूरा सहयोग देंगे इसकी उन्हें पूरी उम्मीद है। कैलेंडर जारी करने के साथ उन्होंने बताया कि पहले दिन शोकोदगार से सदन की शुरूआत होगी। इसके साथ विधायी कार्य शुरू हो जाएगा। इस दौरान गुरुवार को गैरसरकारी कार्य सदस्य दिवस का आयोजन होगा।विपक्षी दल के पास इन्वेस्टर मीट सबसे बड़ा मुद्दाविंटर सेशन में कांग्रेस के पास इन्वेस्टर मीट का मुद्दा रहेगा, जिसे लेकर कांग्रेस, सरकार पर सवाल दाग रही है।
कांगे्रस का कहना है कि सरकार ने करोड़ों रुपए इन्वेस्टर मीट पर खर्च कर दिए, लेकिन भीड़ जुटाने से यहां पर निवेश नहीं आएगा। इसके लिए यहां पर जमीन भी चाहिए और धारा 118 की अनुमति नहीं दी जा सकती। ऐसा होता है तो इसका डटकर विरोध होगा। इस मामले में सरकार विपक्ष पर पलटवार करेगी और बताएगी कि दूसरे राज्यों में क्या हो रहा है।रफ्तार कायम रखेगी कांगे्रसमानसून सत्र में कांग्रेस ने सरकार पर ताबड़तोड़ हमले किए थे, जिस पर सरकार ने भी करार जवाब दिया था। कांगे्रस अपनी इस रफ्तार को बरकरार रखेगी, वहीं सरकार भी फ्रंटफुट पर आकर उसे जवाब देगी। विंटर सेशन की घोषणा के साथ ही माहौल बनना शुरू हो गया है।
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