News portals-सबकी खबर (नई दिल्ली )
भ्रष्टाचार को लेकर सरकारी अफसरों के खिलाफ केंद्र सरकार की कार्रवाई जारी है| सरकार ने मंगलवार को आयकर विभाग के 21 अधिकारियों को जबरन रिटायर कर दिया है। सभी अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं। जबरन रिटायर किए गए अधिकारी ग्रुप बी ग्रेड के हैं। इसी के साथ इस साल अब तक 85 अधिकारियों को जबरन रिटायर किया गया है। इसमें से 64 टैक्स अधिकारी हैं। इससे पहले अगस्त, 2019 में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने 22 वरिष्ठ कर अधिकारियों को भ्रष्टाचार के आरोप में बर्खास्त कर दिया था। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि वह कर प्रशासन को साफ और भ्रष्टाचार मुक्त करेंगे, ताकि ईमानदार करदाताओं को परेशान न किया जाए। केंद्र सरकार ने कथित तौर पर भ्रष्टाचार और कदाचार के आरोपों के बाद 22 वरिष्ठ कर अधिकारियों को नियम 56 (जे). के अंतर्गत बर्खास्त कर दिया गया था।
उत्पीड़न, रिश्वत, जबरन वसूली और भ्रष्टाचार के आरोपों पर सरकार ने 27 वरिष्ठ राजस्व अधिकारियों को घर भेजने की कार्रवाई के बाद यह कदम उठाया था। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड ने यह कार्रवाई विभिन्न केंद्रीय जीएसटी क्षेत्रों से की थी। जिन अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की गई है, उनमें राजमुंदरी में पदस्थ सीएच राजाश्री, विशाखापत्तनम में पदस्थ बी श्रीनिवास राव, हैदराबाद में पदस्थ जी वेंकटेश्वर राव, विशाखापत्तनम में पदस्थ पी वेंकटेश्वर राव, लक्ष्मी नीरज, हजारीबाग में पदस्थ विनोद कुमार पाल, हजारीबाग में ही पदस्थ तरुण राय व मुंबई में पदस्थ प्रीत बाबुकुट्टन शामिल हैं।
उपरोक्त के अलावा मुंबई में पदस्थ विजय कुमार कोहाड़, मुंबई में पदस्थ टीवी मोहन, ढाणे में पदस्थ अनिल मल्लेल, ढाणे में ही पदस्थ माधवी चव्हाण, आईटीओ मुख्यालय में पदस्थ एमडी जगदाले, राजकोट में पदस्थ राजेंद्र सिंघल, गुजरारत में पदस्थ जेबी सिंह, जोधपुर में पदस्थ आर के बोथरा, जोधपुर में ही पदस्थ आरएस सिसोदिया और भोपाल में पदस्थ आरसी गुप्ता आदि शामिल हैं।
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