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November 23, 2024

मैदानी दून क्षेत्रों के किसानो के लिए अच्छी खबर….

News portals-सबकी खबर

गिरिपार क्षेत्र के किसान अदरक की फसल की पैदवार अधिक होती है लेकिन अब मैदानी भाग पांवटा के किसान भी अदरक की खेती करने में एकबार फिर से दिलचस्पी दिखाने लग रहे है। गन्ना, धान, गेहूं आदि फसलों से आमदनी कम और बीज, बाहयी, मजदूरी का खर्चा अधिक निकल जाता है।ऐसे में शिवपुर पंचायत के बरोटीवाला गांव के किसान मनजीत सिंह ने अदरक की फसलें उगानी शुरू कर दी। धान, गेहूं, गन्ने की फसलों से मन हटाकर अदरक की फसल से सोना उगाना शुरू कर दिया। शुरुआत 10 किलो बीज से हुई और अब सवा बीघा जमीन में दो लाख से अधिक अदरक की फसल बेचने को तैयार कर दी है।स्थानीय किसान मनजीत सिंह ने बताया कि मेरा एक छोटा परिवार है मेरे पास 22 बीघा के लगभग खेती योग्य जमीन है।

पांवटा की जमीन गन्ना, धान,गेहूं जैसी फसलों के लिए काफी मशहूर है। लेकिन समय के बदलते खेती के कामों में युवा पीढ़ी एवं मेहनत मजदूरी के लोग बहुत कम रह गए और उचित समय पर फसलों की सिंचाई, जुताई, गुड़ाई कटाई आदि फसल इकट्ठी नही हो पाती और इसी का नतीजा मुनाफा देने की बजाय घाटा पड़ जाता है । मजबूरन किसान अपने पसीने की दिहाड़ी भी वसूल नही कर पाता। ऐसे में किसान हताश एवं बेबस हो जाता है या फिर नई तलाश में मन बढ़ता है। शिवपुर पंचायत के गांव बरोटीवाला से मनजीत सिंह उनमे से एक है। इन्होंने धान, गन्ना, गेंहू आदि फसलों की कम और अदरक की पैदावार बढ़ाने में अधिक दिलचस्पी रखनी शुरू कर दी। मनजीत सिंह ने दून घाटी में अदरक की खेती शुरूआत 2017-18 में केवल मात्र 10 किलो अदरक की बिजाई की। जिसका बीज का अदरक इस बार एक बीघा 2 बिस्वा खेत मे लगा दिया। पूरे मन लगाकर अदरक की फसल खूब लहरा रही है। एक-एक बूट में 38 से 40 तक अदरक की डंडिया लगी है।

हालांकि अनुभवी एवं तजुर्बेवान किसान ने सीधे समतल खेतों में नहीं बल्कि आलू जैसी खेती के लिए डोले (मेंड़) में अदरक की फसल तैयार कर दी। लाइनदार खेती करने से अदरक के हरेक पौधे(बूटे) पर पूरा फोकस रहता है और घासफूस एवं रोगग्रस्त होने से पहले ही किसान फसल को बीमारी की चपेट आने से पहले ही भांप जाता है। दवाई, खाद, सिंचाई एवं लाइनों में छिड़काव एवं गोबर खाद आदि का डाली जाती है। मनजीत सिंह बताते हैं कि जो आमदनी धान गन्ना और गेहूं की फसल बेचकर वसूल नहीं होती थी उससे कहीं अधिक अदरक की फसल लगाने से आमदनी बढ़ रही है इस वक्त मात्र एक बीघा दो विस्वा से दो लाख से चौखा मुनाफा का पूरा अनुमान है। उन्होंने क्षेत्र के अधिक से अधिक किसानों को सलाह दी है कि बढ़ती मजदूरी एवं आम फसलों के कम दाम मिलने से किसानों को फिर से अदरक की खेती पर लौटना होगा। इन दिनों मनजीत के अदरक की फसल को देखने के लिए बरोटीवाला में हर दिन किसानों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई है।

ऐसे म दून पांवटा के किसानों का लसहुन, अदरक की खेती की ओऱ ध्यान बांटना शुरू हो गया है। उधर कृषि विभाग भी किसानों को कम पानी एंव कम लागत से आमदनी वाली फसलों को उगाने में बढ़ावा दे रहे है। कृषि खंड प्रसार अधिकारी रेशमी भटनागर ने फूलपुर- शिवपुर आदि पंचायत अदरक की फसल से होने वाला मुनाफा एवं एवं इसकी बिजाई से संबंधित विभिन्न जानकारियां किसानों को दी उन्होंने अदरक, लसहुन की पैदावार बढ़ाने पर किसानों को सलाह दी।

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