News portals-सबकी खबर(सँगड़ाह)
संगड़ाह से हर रोज निकल रहे दर्जनों Overloaded Limestone Truck के चालान करने में स्थानीय Police बेबस है। बता दे कि Subdivision में सरकार की अनुमति से करीब 782 बीघा भूमि पर चल रही पांच चुना खदानों से निकलने वाले ट्रकों के वजन अथवा ओवरलोडिंग की जांच के लिए यहां एक भी धर्म कांटा अथवा Weight Bridge नही है। कानून की इस कमजोर कड़ी फायदा उठाकर Mine Honours द्वारा धड़ल्ले से ट्रकों में क्षमता से दोगुना तक पत्थर ले जाया जा रहा है। चूना पत्थर के अलावा यहां रेत-बजरी अथवा अन्य वस्तुओं की ढुलाई पर भी सरकार का ओवरलोडिंग का नियम लागू नहीं होता, क्योंकि Weightbridge जो नही है। चूना पत्थर के Overloaded Trucks अथवा टिपर से पत्थर गिरने पर दुपहिया वाहनों पर सवार लोगों अथवा अन्य आदमियों के घायल होने की भी आशंका रहती है।
गत 4, सितंबर को Mine Honours द्वारा जबरन Overloading करवाए जाने के मुद्दे पर Truck Operator Union की स्थानीय इकाई द्वारा SDM संगड़ाह को ज्ञापन भी सौंपा गया था। इसके बाद गत अक्टूबर माह में हांलांकि हिमाचल सरकार द्वारा यहां एक Mining Guard, Check Post तथा धर्म कांटा लगाने को स्विकृति दी जा चुकी है, मगर संबंधित अधिकारी अब तब इसके लिए एक बीघा के करीब भूमि चयनित न होने के लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
क्षेत्र की पांच Limestone Mines से हर साल Industrialists तथा Government को लाखों की आमदनी होने के बावजूद यहां अवैध व Unscientific Mining तथा ओवरलोडेड ट्रकों की जांच की मूलभूत व्यवस्था तक नही है। यहां Weight Bridge तथा Mining Guard तक नियुक्त न होने को इलाके के प्रर्यावरण प्रेमी अवैध खनन को छूट करार दे चुके हैं। कस्बे के Bus-Stand बाजार से निकलने वाले लाइमस्टोन के कईं Overloaded ट्रकों की तस्वीरें हालांकि यहां लगे दुकानदारों व पुलिस के CCTV Cameras में भी देखी जाती है, मगर पुलिस अधिकारियों के अनुसार गाड़ियों के वजन करने की व्यवस्था न होने के चलते यहां चालान नहीं किए जा सकते हैं।
खनन विभाग के अनुसार हालांकि समय-समय पर साथ लगते क्षेत्र से यहां खनन रक्षक को खनन कार्यों की जांच के लिए भेजा जाता है, मगर जिला में माइनिंग गार्ड के खाली पदों के चलते नियमित रूप से निरिक्षण के लिए कर्मचारी भेजना संभव नहीं है।
लाइमस्टोन से लदे ट्रकों के पास मौजूद Mining form अथवा W slip में वेट संबंधी कालम खाली रखा जाता है, जो कि नियमानुसार सही नहीं है। प्रर्यावरण प्रेमियों के अनुसार हालांकि उक्त कालम खाली रखे जाने तथा गाड़ी की Body के ऊपर तक पत्थर भरे जाने पर नियमानुसार चालान किया जा सकता है, मगर राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता किंकरी देवी के इस गृह क्षेत्र में जानकारी के मुताबिक 1980 के दशक से अब तक ऐसा नहीं हुआ।
पर्यावरण के क्षेत्र में कार्य कर रही स्वयंसेवी संस्था SHARA के सचिव बीएन शर्मा तथा पर्यावरण प्रेमी बबलू चौहान द्वारा क्षेत्र में Illegal व अवैज्ञानिक खनन को लेकर इस साल भी कईं शिकायतें Government of Himachal Pradesh तथा संबंधित विभागों को भेजी जा चुकी है। सारा संस्था के मुख्य सचिव द्वारा शनिवार को इस बारे मुख्यमंत्री हेल्पलाइन नंबर पर भी शिकायत दर्ज करवाई जा रही है। खनन व्यवसाइयों के अनुसार संगड़ाह के आसपास धर्म कांटा न होने के चलते गाड़ी को अंदाजन क्षमता के अनुसार लोड किया जाता है तथा यहां से 26 Kilometer दूर नाहन Subdivision के ददाहू में सरकारी कांटा मौजूद है। जिला खनन अधिकारी सिरमौर के अनुसार उपमंडल संगड़ाह के लिए सरकार द्वारा एक Mining Check Post section की जा चुकी है तथा यहां धर्म कांटा भी लगाया जाएगा। उक्त खनन चौकी के लिए जमीन चयनित किए जाने के लिए गत माह नागरिक उपमंडलाधिकारी संगड़ाह को लिखा जा चुका है। SDM संगड़ाह ने कहा कि, अब तक उन्हें माइनिंग चैक पोस्ट को लेकर District Mining Officers से कोई भी पत्र नहीं मिला है। DSP संगड़ाह के अनुसार चूना खदानों से निकलने वाले ट्रकों के दस्तावेजों की नियमित रूप से जांच की जाती है तथा तथा धर्म कांटा न होने के चलते नियमानुसार Overloaded ट्रकों के चालान नहीं किए जा सकते।
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