News portals-सबकी खबर (नाहन)
नाहन के डा. वाईएस परमार मेडिकल कालेज व अस्पताल लगातार जिला में सफलता के झंडे गाड़ रहा है। मेडिकल कालेज में देहदान की तमाम औपचारिकताएं पूरी करने के बाद फिर से मेडिकल कालेज नाहन के चिकित्सकों ने एक नई शुरुआत की है। नाहन मेडिकल कालेज में 15 दिन के एक नवजात शिशु का, जो कि पीलिया रोग से पीडि़त था, का रक्त बदलकर सफल इलाज कर एक नया मील का पत्थर स्थापित कर दिया है। मेडिकल कालेज नाहन में शिशु रोग विशेषज्ञ डा. पवन कुमार व डा. सूर्या सैणी ने गाइनोलॉजी डिपार्टमेंट के नर्सिंग स्टाफ, जिसमें वार्ड सिस्टर रंजना माटा के अलावा स्टाफ नर्स अर्चना और प्रियंका शामिल थीं, की टीम ने 15 दिन के नवजात शिशु का रक्त बदलकर उसे जीवनदान प्रदान किया है।
मेडिकल कालेज नाहन में गत चार वर्ष में यह पहला प्रयास है। गोरतलब हो कि नाहन क्षेत्र के बिरला के तिरमली निवासी सुलोचना पत्नी कुलदीप सिंह के पास करीब 15 दिन पहले मेडिकल कालेज नाहन में दो जुड़वा बच्चे पैदा हुए थे। इसमें एक बेटा व एक बेटी है। नवजात बेटे को पीलिया हो गया था। पीलिया का स्तर 25 तक पहुंच गया था, जिसे बेहद ही खतरनाक माना जाता है। ऐसी स्थिति में अब तक मेडिकल कालेज नाहन से सभी नवजात शिशु को पीजीआई चंडीगढ़ या अन्य उच्च स्तर के मेडिकल कालेज अस्पतालों में रैफर किया जाता था। इस बार मेडिकल कालेज नाहन के शिशु रोग विशेषज्ञ डा. पवन कुमार, डा. सूर्या सैणी की टीम ने तय किया कि नवजात शिशु, जो कि पीलिया के गंभीर स्तर से पीडि़त है, को नाहन में ही रक्त परिवर्तित किया जाए। इसके लिए विशेष तैयारियां पूरी की गईं, क्योंकि सुलोचना पत्नी कुलदीप निवासी तिरमली एक बेहद ही गरीब परिवार से संबंधित थे। इसके चलते टीम ने नवजात शिशु को नाहन में ही इलाज का निर्णय लिया। शिशु रोग विभाग के विभागाध्यक्ष व मेडिकल कालेज के कार्यवाहक प्रधानाचार्य डा. श्याम कौशिक ने बताया कि शिशु को पीलिया का स्तर काफी बढ़ गया था ऐसे में तुरंत रक्त बदलने की आवश्यकता थी। टीम ने बेहतरीन कार्य किया है।
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