News portals-सबकी खबर (शिमला )
हिमाचल प्रदेश के कई सरकारी स्कूलों में क्लासरूम के मामले में प्रदेश हाई कोर्ट ने कड़ा संज्ञान लिया है। मुख्य न्यायाधीश एल नारायण स्वामी और न्यायाधीश ज्योत्सना रेवाल दुआ की खंडपीठ ने प्रधान सचिव शिक्षा को आगामी पहली जनवरी को अदालत के समक्ष तलब किया है। हाई कोर्ट ने एक दैनिक समाचार पत्र में छपी खबर पर संज्ञान लिया है।
खबर के अनुसार हिमाचल प्रदेश में कुल 10623 प्राइमरी स्कूलों में से 441 ऐसे हैं, जहां एक ही क्लासरूम है। 3022 प्राइमरी स्कूलों में मात्र दो क्लासरूम हैं, 3973 प्राइमरी स्कूल ऐसे हैं, जहां तीन क्लासरूम हैं, जबकि 3036 स्कूलों के पास चार-छह क्लासरूम हैं। पहली से पांचवीं तक की कक्षाओं में कम से कम पांच क्लासरूम तो होने चाहिए। अध्यापकों के लिए दफ्तर, लाइब्रेरी और खेल के सामान व स्टोर की व्यवस्था अलग से होनी चाहिए। मगर ऊपर की स्थिति बताती है कि कैसे शिक्षा को राम भरोसे छोड़ा हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश भर के चार स्कूल, तो ऐसे हैं, जो बिना क्लासरूम ही चल रहे हैं। मात्र 140 प्राइमरी स्कूलों में सात से 10 क्लासरूम हैं और सिर्फ सात प्राइमरी स्कूलों में 11 से 15 क्लास रूम मौजूद हैं।
मिडल स्कूल भी बेबस
रिपोर्ट के मुताबिक मिडल स्कूलों की बात की जाए तो प्रदेश में कुल 1969 मिडल स्कूलों में चार स्कूल ऐसे हैं, जो बिना क्लासरूम के हैं। 263 में एक, 244 में दो, 1126 में तीन, जबकि 314 स्कूलों में चार से छह क्लासरूम मौजूद हैं। 18 स्कूल ही ऐसे हैं, जहां पर सात से 10 क्लासरूम मौजूद हैं।
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