News portals-सबकी खबर (पांवटा साहिब)
पांवटा सिविल अस्पताल सिविल में शुक्रवार को देर रात इमरजेंसी वार्ड में समय पर बच्चे का इलाज ना किए जाने का वीडियो वायरल हो गया था । इस मामले को लेकर स्वास्थ्य विभाग हरकत में आ गया है। रविवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी सिरमौर डॉ केके पराशर पांवटा साहिब पहुंचे। जहाँ पर उन्होंने इस गंभीर मामले को गंम्भीरता से लेते हुए मामले कि जांच शुरू कर दी है। जांच में डॉक्टर और अन्य लोगों के बयान भी दर्ज किए गए ।
उधर, इस बारे मे मुख्य चिकित्सा अधिकारी केके पराशर ने डॉक्टर सहित अन्य स्टाफ के बयान दर्ज किए हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले की गहनता से जांच की जा रही है। जांच कर रिपोर्ट उच्च आला अधिकारियों को भेजी दी जाएगी।
बता दे कि एक तरफ भाजपा सरकार प्रदेश में दो साल का कार्यकाल पूरा होने का ज़श्न मना रहे। दूसरी तरफ पांवटा की जनता स्वास्थ्य सेवा की उम्मीदों में अस्पताल में रात को भी उम्मीद के दरवाजे खट खट रही है । अब स्थानीय विधायक के चुनावी दावे भी सपने से ही प्रतीत होने लगे हैं। ऐसे में जनता की कौन सुनेगा खुद प्रदेश के मुख्यमंत्री या स्वास्थ्य मन्त्री ?
क्योंकि जिला सिरमौर के पांवटा विधानसभा क्षेत्र में इन दिनों सिविल अस्पताल खुद बीमार व लाचार की सी दशा में ही है । 4 विधानसभा क्षेत्र का केंद्र बिंदु एक मात्र सिविल अस्पताल में इन दिनों अपने ही बिगड़ते स्वास्थ्य को सुर्खियों में है । अस्पताल में स्टाफ की कमी से जूझ
रहा, ऐसे में अस्पताल प्रबंधन खुद भी परेशानी में ही है। स्थानीय विधायक अस्पताल में डॉ. व स्टॉफ नर्सो समेत डेढ़ दर्जन रिक्त पदों को नही भरवा पा रहे हैं। अस्पताल ही मरीज हो रहा है। जिससे, नोबत अब यहां तक आ चुकी है कि रात को यदि मरीज यहां आ जाएं तो डॉ. के दरवाजे घण्टों तक खटखटाने पड़ सकते है । ऐसी दुर्दशा प्रदेश भर के किसी भी अस्पताल में शायद नही होगी। जैसा कि इन दिनों पांवटा साहिब में देखने को मिल रहा है ।
सिविल अस्पताल पांवटा साहिब में डॉक्टर की लापरवाही का एक और कारनामा सामने आया है। जिसमे बीते रविवार देर रात को जब एक परिवार अपने बीमार बच्चे को अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में डॉक्टर कुछ चिल्ला-चिल्ला कर पुकारता रहे । लेकिन डॉक्टर साहब की आंख नही खुली। क्षेत्र में इसका एक वीडियो वायरल हुआ है। यह वीडियो शनिवार रात देर रात का है। जब एक परिवार अपने बच्चे को गंभीर हालत में लेकर एंबुलेंस के माध्यम से सिविल अस्पताल पहुंचा। उस समय ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर लंबी तान के अपने कमरे में सो रहे था।
बीमार बच्चे की गंभीर हालत को देखकर ड्यूटी नर्सों ने और यहां तक कि परिजनों ने दरवाजा थपथपा कर और यहां तक कि चिल्ला चिल्ला कर डॉक्टर को जगाने की कोशिश की। लेकिन डॉक्टर नींद से नहीं जगा सके। अंत परिजनों ने तैश में आकर इसका वीडियो बनाया। और हकीकत को उजागर करते हुए वायरल कर दिया। उधर, अस्पताल प्रशासन इस बारे में कार्रवाई करने की बजाय लीपापोती में लग गया है।
वही, अगर बात करे स्थानीय विधायक सुखराम चौधरी की तो उन्हें दो साल के कार्यकाल पूरा होने के उपरांत भी जनता का दुख नही दिख रहा है । सता के नशे में विधायक साहब ने जनता का दुख देखना अब शायद कम कर दिया है ।
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