News portals-सबकी खबर( नोराधार )
प्याज की आसमान छूती कीमतों के बीच छोटे बाजारों में भी अफगानी व तुर्की के प्याज ने दस्तक दे दी है। ये विदेशी प्याज चंडीगढ़ से नौहराधार पहुंच रहा है। चंडीगढ़ में इसके दाम 70 से 75 रुपए मिल रहे है जब कि नौहराधार आदि क्षेत्र में यह प्याज 80 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बिक रहा है। भले ही नौहराधार में बाहरी देशों से प्याज की खेप पहुंची है मगर लोग इस प्याज को न पसंद कर रहे। देशी प्याज के मुकाबले विदेशी प्याज का स्वाद न के बराबर है। लोगों का कहना है कि यह देशी प्याज की तरह स्वादिष्ट नहीं है।
दूसरी बात यह है कि विदेशी प्याज मार्केट में बड़ा आकार का पहुंचा है जिसका एक प्याज का वजन आधा किलो से अढ़ाई सौ ग्राम ग्राम है न तो गृहिणी तड़के में पूरा प्याज डाल सकते है न ही आधा किया हुआ प्याज वापस रख सकते है । भले ही देशी प्याज 20 से 30 रुपए महंगा है इस लिहाज से कुछ लोग 20 रुपए सस्ते के चक्कर में खरीद जरूर रहे है मगर अधिकतर लोग इस प्याज में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखा रहे है । यही नहीं कुछ लोग इस प्याज को सलाद का प्याज भी कह कर मुहं मोड़ रहे है । इसका एक कारण यह भी माना जा रहा है कि सभी छोटे बड़े शहरों में देशी लाल प्याज की डिमांड है। जब कि बाजारों में बेठे व्यापारियों को विदेशी प्याज ही मिल रहा है। ऐसे में अफगानी व तुर्की की सप्लाई लेने से सब्जी विक्रेताओं को भी घाटे का सौदा करना पड़ है। दो दिन बाद जिला सिरमौर में सबसे खर्चीला पौष त्योहार आने वाला है प्याज के भाव में कमी नहीं आ रही जिससे अब लगता है इस बार आसमान छुती कीमतों के चलते लोग गिरिपार के लोग मीट में तडका प्याज के बिना ही लगने वाला है। बहराल मांसाहारी भोजन बनाने में प्याज की अधिक जरूरत रहती है मगर प्याज की कीमतों ने आने वाले पौष त्योहार का मजा फीका कर दिया है। उधर,जो सब्जी विक्रेता पहले दस दस कटते प्याज मंडियों से उठाते थे वह भी एक एक से दो कट्टे प्याज के उठा रहे है।
क्या कहते हैं दुकानदार
सब्जी विक्रेता रविंद्र सिंह,संदीप ने बताया कि मार्केट में आ रहे देशी प्याज के अलावा अफगानी, तुर्की के प्याज को चंडीगढ़ सब्जी मंडी में 70 से 75 रुपए प्रति किलो भाव है। जब कि नौहराधार में यह 80 रुपए बेचना पड़ रहा है। इन्होंने कहा कि प्याज की कीमत के चलते हमारी दुकानदारी में फर्क पड़ा है प्याज के चक्कर में अन्य सब्जियां भी कम ही बिक रही है। आजकल हर वर्ष हम लोग त्योहार को देखते हुए 10 से 15 कट्टे मंगाते थे मगर आजकल कल प्याज की खपत घट कर मात्र 10 फीसदी रह गई है।
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