News portals-सबकी खबर (शिलाई)
शिलाई के ढलवाणा गांव में कैद तेंदुआ को 22 घंटे के बाद वन विभाग के कर्मचारी ने गांव के लोगों की सहायता से आतंक मचा रहा तेंदुए को बन्द कमरे से अब पिंजरे में कैद कर लिया है । अब ग्रामीणों ने ली राहत की सांस । इस मामले को अंजाम देने के लिए वन विभाग के फॉरेस्ट गार्ड हुक्मी राम शर्मा, जगत सिंह, ज्ञान सिंह, जगत सिंह चौकीदार सहित गांव के जवाहर सिंह बीडीसी, सन्दीप सुनील छींटा, चतर, वीनू दो दर्जन लोगों सहित पुलिस बल भी मौजूद रहे । पुलिस बल में शुभाष कपूर ओर दो अन्य पुलिस जवानो ने भी वन विभाग का पूरा सहयोग किया ।
वही वन विभाग के फारेस्ट गार्ड हुकमी राम शर्मा ने न्यूज़ पोर्टल्स से बात करने पर बताया कि इस मामले को अंजाम बुधवार देर शाम 9 :20 pm पर दिया गया । उन्होंने बताया कि पिंजरा लगभग 5 बजे गांव पहुच गया था जिसके बाद पिजरे को लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी , कड़ी मुश्क़त के बाद स्थानीय लोगो व वन विभाग के फोर्थ क्लास ओर पुलिस बल के सहयोग से इस मामले को अंजाम दिया गया । हुक्मी राम शर्मा ने बताया कि इस मामले को अंजाम तब दिया गया जब तेंदुआ लकड़ी के बन्द कमरे (ओबरे) में कैद था । तेंदुए द्वारा बार बार कमरे की छत को टक्कर मार रहा था जिसके कारण कमरे की लकड़ी की छत टूटने की उमीद जताई जा रही थी और तेंदुए को बाहर आने की आशंका , इसको देखते हुए उन्होंने ग्रामीणों की सहायता से तेंदुए पर काबू पाया गया । वही उन्होंने अपनी उच्च अधिकारी को तेंदुए के पिंजरे में कैद करने की सूचना दे दी है।
वही शिलाई RO विद्यासागर ने बताया कि उन्हें सूचना दे दी है कि गांव में कमरे में बंद कमरे में तेंदुए को पिंजरे में बंद कर लिया गया है ।
मंगलवार देर रात लगभग 12:30 बजे ढलवाणा गांव के मदन सिंह के घर पर एक एक तेंदुए ने पालतू कुत्ते पर हमला बोल दिया । हमले में कुत्ते ने जोर जोर से चिल्लाने की आवाज को सुनते हुए मदन सिंह अपने घर से बाहर आया तो देखा कि तेंदुए ने कुत्ते को अपने मुंह में जकड़ रखा है । हिम्मत दिखाते हुए मदन सिंह ने कुत्ते को तेंदुए के मुंह से छुड़ाने का प्रयास किया ,जिसमें एक लकड़ी के द्वारा तेंदुए को मारने का प्रयास किया , मारने पर तेंदुआ अंधेरे की ओर भागने लगा जहां पर तेंदुआ मकान के एक कमरे में जा घुसा। मदन सिंह ने हिम्मत दिखाते हुए कमरे के दरवाजे को बंद किया जिसमें की तेंदुआ कैद हो गया । शोर ओर चिलाने की आवाज सुनकर गांव के लोगो भी जाग उठे और उक्त व्यक्ति की सहायता करने लगे ।
कमरे में बंद तेंदुए के दरवाजे पर ओर लकड़िया रखी गई ताकि तेंदुआ बाहर ना निकल सकें। कैद तेंदुए की सूचना वन विभाग को दी गई। सूचना मिलने पर वन विभाग के वनरक्षक मौके पर पहुंच गए जिसके बाद वनरक्षक ने अपने उच्च अधिकारी को इसकी सूचना दी सूचना दी गई । सूचना देने के बाद बुधवार देर शाम गांव में 5:00 बजे तक पिंजरा पहुचाया गया है लेकिन हैरान कर देने वाली बात यह है कि वाइल्ड लाइफ महकमे ने ड्राइवर को पिंजरा लेकर तो भेजा है लेकिन इसका इस्तेमाल कोई नहीं कर पा रहा है।
21 घंटे से तेंदुआ बेहद ही आक्रोश हो चुका है जिसने निचले हिस्से की दीवार को भी तोड़ना शुरू कर दिया है । ऐतिहासिक के तौर पर लोगों ने घर के दरवाजे को लकड़ी के फट्टों से चीन दिया है। हैरान कर देने वाली बात यह है कि कोई भी एक्सपर्ट मौके पर मौजूद नहीं । वही ग्रामीणों को इस बात का भी डर है कि बाहर से बंद किए गए कमरे से अगर तेंदुआ बाहर निकलता है तो बेहद ही आक्रमक रुख अपना सकता है। गांव में लगभग 100 से अधिक लोग निवास करते हैं ।
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