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दिल्ली की 26 जनवरी की परेड के लिए इस बार हिमाचल प्रदेश की झांकी के तौर पर कुल्लू दशहरे का चयन कर लिया गया है। हिमाचल के लिए यह गौरव की बात है क्योंकि इस बार परेड में शामिल 13 राज्यों की लिस्ट में हिमाचल को भी जगह मिली है। अब दो जनवरी को दिल्ली में 13 राज्यों के मॉडल का बारीकी से विश्लेषण किया जाना है, जिसमें हिमाचल से कुल्लू दशहरे के मॉडल को भी मोडिफाइड किया जाना तय किया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक भाषा संस्कृति विभाग को 26 जनवरी की लिस्ट में 13 राज्यों की रिपोर्ट आ गई है, जिसमें हिमाचल का नाम शामिल किया गया है।
बता दे कि पिछले वर्ष अंतिम बैठक में भी प्रदेश से गांधी जी का मॉडल पहुंच तो गया था, लेकिन वह रक्षा मंत्रालय की बैठक में रिजेक्ट कर दिया गया था। फिलहाल इस बार भाषा संस्कृति विभाग ने परेड में झांकी को लेकर समय पर अपनी जद्दोजहद शुरू कर दी थी। इसके तहत प्रदेश की ओर से दिल्ली में दूसरी बैठक के लिए प्रदेश से तीन नगीने सौंपे थे, इनमें से एक डिजाइन को रिजेक्ट करके दो का चयन फाइनल राउंड के लिए कर लिया गया था। इन दो में कांगड़ा पेंटिंग और कुल्लू दशहरा का मॉडल शामिल था। इन दोनों में से अब कुल्लू दशहरे का चयन क र लिया गया है। गौर हो कि पहले भारत सरकार को जो तीन मॉडल सौंपे गए थे, उनमें पहला मॉडल छोटी काशी मंडी, दूसरा मॉडल कुल्लू दशहरा और तीसरा प्रस्ताव कांगड़ा पेंटिंग का था।
गौर हो कि पिछले वर्ष प्रदेश की ओर से शिमला में महात्मा गांधी के आगमन को लेकर प्रस्ताव भारत सरकार को सौंपा गया था। इस मॉडल के प्रोजेक्ट को भारत सरकार ने रिजेक्ट कर दिया गया था, जिसके बाद गांधी जी के रिजेक्ट मॉडल को शिमला में 26 जनवरी की परेड में दिखाया गया था, लेकिन केंद्र सरकार द्वारा रिजेक्ट की गई झांकी से प्रदेश भाषा कला संस्कृति विभाग को भी झटका लगा था। फिलहाल इस बार कुल्लू दशहरे का चयन परेड के लिए कर लिया गया है। गौर हो कि वर्ष 2018 जनवरी में चंबा रूमाल का चयन केंद्र सरकार द्वारा किया गया था, लेकिन वर्ष 2019 जनवरी में गांधी जी के प्रोजेक्ट को रिजेक्ट कर दिया गया था। देखा जाए तो किसी भी प्रदेश के लिए यह काफी गौरव की बात है कि उसके मॉडल को 26 जनवरी की परेड में देश की जनता के सामने दिखाया जाएगा।
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