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November 26, 2024

जागो कब तक खून पसीने की कमाई ऐसे लूटवाते रहोगे… अब पांवटा में आरडी-एफडी के नाम पर ठगे 5 करोड़। एफआईआर दर्ज की मांग।

News portals-सबकी खबर (पांवटा साहिब)

2013 में पांवटा साहिब आई Rays field business Enterprise Ltd. ने शहर के गरीब लोगो की जेब पर डाका डालने की शिकायत पांवटा थाना में सोमवार को आई है जिसकी एक प्रतिलिपि राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री से लेकर सभी निचले 15 विभागों को भेज दी है ।
उक्त कंपनी ने पांवटा शहर के 750 गरीब लोगों से आरडी ओर एफडी की आड़ में 5 करोड़ रुपये का आरोप है ।

जानकारी के अनुसार जिला सिरमौर के उपमंडल पांवटा साहिब के गरीब लोगों चत्तर सिंह तोमर, कुंदन सिंह, सरदार सिंह, जगो देवी, बुद्धि प्रकाश शर्मा , विवेक चौहान, विजेंद्र सिंह, शर्मा, संजय कुमार , आशीष कुमार, अमन दीप , अजय कुमार , राहुल, अमनदीप दौलत,आदि ने बताया कि उक्त कंपनी ने एफडी व आरडी की आड़ में करोड़ों रुपए के गबन का आरोप है। करीब तीन दर्जन पीडि़तों ने सोमवार को पुलिस अधीक्षक अजय कृष्ण शर्मा से मुलाकात में अपना दुखड़ा व्यक्त किया। इसके मुताबिक 2013 में सहारनपुर के रहने वाले सूरज पुंडीर ने रेज फील्ड बिजनेस एंटरप्राइसिस लिमिटेड के बारे में बताया था। सहारनपुर के ही रविन्द्र कुमार को बतौर डीजीएम मिलवाया गया।


स्कीम के तहत आरडी व एफडी के माध्यम से पैसा लिया जाता था, जिसका निवेश रियल एस्टेट में करने की बात बताई गई थी। पीडि़तों के मुताबिक उन्हें कंपनी की बड़ी-बड़ी संपत्तियों को दिखाया गया। इसमें आगरा के एक स्कूल को भी दर्शाया गया था। पीडि़तों के मुताबिक एकत्रित की गई राशि की 7 दिन बाद उन्हें सहारनपुर से रसीद दी जाती थी। अप्रैल 2014 में रियल एस्टेट के कानून में बदलाव पर रिन्युअल को जारी रखा गया। 2014 में एक अन्य कंपनी टैक्सस फूडस एंड बिव्रेजिज इंडिया लिमिटेड की एवज में धन संकलन शुरू कर दिया।

वही अक्तूबर 2014 में पांवटा साहिब में कार्यालय  भी खोल दिया गया। पीडि़तों की मानें तो लगभग 5 करोड़ का गबन कर लिया गया है। इसके बाद से 800 सो लोग ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। 2017 में हिमाचल से ही रजिस्टर्ड एक नई कंपनी बना दी गई। अक्तूबर 2018 तक जिन लोगों की मैच्योरिटी हुई थी, उनकी अदायगी कर दी गई, लेकिन इसके बाद झूठे प्रलोभन देकर भुगतान को टाला जाने लगा। एक ऐसी कंपनी भी बनाई, जिसमें 11 हजार रुपए जमा करवाने पर 20 महीने तक प्रतिमाह 720 रुपए का भुगतान किया जाता था। जून 2019 में पांवटा साहिब से कार्यालय को समेट लिया गया।

आरोप यह भी है कि आरोपियों ने लोगों के धन का उपयोग अपने इस्तेमाल के लिए किया। इसमें रविन्द्र कुमार शर्मा भी शामिल है, जो पांवटा साहिब, करनाल व रूड़की की शाखाओं को देखता था। पीड़ितों ने शिकायत में पांच कंपनियों के अलावा आधा दर्जन लोगों को उनकी खून-पसीने की कमाई को हड़पने को लेकर नामजद किया है। उधर,पुलिस अधीक्षक ने प्रतिनिधिमंडल को इस बारे जल्द ही ठोस कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।

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