News portals-सबकी खबर (पांवटा साहिब )
जिला सिरमौर के औद्योगिक क्षेत्र पांवटा साहिब रेल लाइन से कब जुड़ेगा। पांवटा वासियों की दशकों पुरानी मांग क्या आने वाले बजट में पूरी हो पाएगी या फिर से मायूसी ही हाथ लगेगी। हालांकि जनता को आस है कि इस बार पांवटा साहिब को रेल लाइन का तोहफा मिल सकता है। इसके लिए प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार के समक्ष भी मामला उठाया है।
केंद्र व राज्य सरकार से पत्राचार द्वारा इस मामले को लगातार उठाने वाली पांवटा साहिब की विभिन्न संस्थाओं ने देश के प्रधानमंत्री व रेल मंत्री से फिर से मांग की है कि पांवटा साहिब की दशकों पुरानी रेल लाइन की मांग को इस बार तो पूरा किया जाए। वही संस्थाओं का कहना है कि इतने सालों में पांवटा साहिब के लिए प्रस्तावित रेल लाइन को हर बार सिर्फ सर्वेक्षण का ही लोलीपोप दिया जाता है तथा उससे आगे कोई कार्रवाई नहीं होती। संस्थाओं का कहना है कि सिरमौर जिला के पांवटा क्षेत्र को रेल लाइन से जोड़ने हेतु 50 के दशक में सर्वेक्षण का कार्य आरंभ किया गया था जिसमें पांवटा को यमुनानगर (जगाधरी,) सहारनपुर अथवा चंडीगढ़ से जोड़ने की संभावनाएं तलाशनी थी। वर्ष 1962 में सर्वेक्षण का कार्य किया भी गया तथा चंडीगढ़ से देहरादून वाया बद्दी औद्यौगिक क्षेत्र, कालाअंब, पांवटा साहिब, सेलाकूई रेल लाइन बिछाने के लिए ममता बेनर्जी के मंत्रीत्वकाल में दो करोड़ रुपए की धनराशि आबंटित भी की गई थी, परंतु मामला फाइलों में ही दबकर रह गया।
राष्ट्रीय विकास समिति के सिरमौर जिला प्रभारी ई. नरेंद्र मोहन रमौल, चैंबर ऑफ कॉमर्स पांवटा साहिब के अध्यक्ष सतीश गोयल, गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी पांवटा साहिब के पूर्व मैनेजर सरदार कुलवंत सिंह चौधरी आदि ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा रेल मंत्री को लिखे पत्रों में कहा था कि जगाधरी-पांवटा-राजबन रेल मार्ग बनाने हेतु सर्वेक्षण का कार्य वर्ष 1972 में भी किया गया। उधर इस बारे पांवटा साहिब के विधायक सुखराम चौधरी का कहना है कि उन्होंने विधानसभा में इस मामले को उठाया था। उनका कहना है पांवटा साहिब के लिए यमुनानगर या सहारनपुर से लाइन जोड़ने के लिए केंद्र सरकार को मांग भेजी है। उम्मीद है कि इस बार सिरमौर की यह मांग पूरी होगी।
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