News portals-सबकी ख़बर(पांवटा साहिब)
विकास खंड पांवटा के अधीन आने वाले पंचायत गोरखुवाला में भारत स्वच्छता अभियान की धज्जियां उड़ाई जा रही है । उक्त पंचायत में एक दर्जन से अधिक घरों में अभी तक पंचायत शौचालय नही बन पाया है । दूसरी ओर घर की बेटियां को शौचालय ना होने से जंगल मे शौचालय जाने के लिए मजबूर है ।
ऐसा ही मामला उक्त पंचायत के खोड़ीवाला भूड़ का है जहाँ पर बालक राम पुत्र रघुनाथ, पत्नि जन्तो देवी इसके बच्चे तीन बेटियां 15 वर्षीय नताशा, ( 10 ) सान्या, (6 )प्रिया , ओर एक बेटा( 4) कबयांश,ओर प्रीतम सिंह, पत्नी गुगा देवी ,छे बेटियां एक लड़का जिनका नाम भारती ,(16) वंदना जो 11 वीं कक्षा , (14 )रूपा 8 वीं कक्षा, (13) वर्षा 7 वीं कक्षा , (10) कोमल चौथी कक्षा,( 7 )आशु दूसरी कक्षा,( 4 )वंश सुखनद कुमार , पत्नी ममता देवी ,के दो बेटे है जिनका नाम सुरेंदर , ब्रिजलाल, रघुवीर पुत्र प्रीता राम ,पत्नी सवर्ण कौर, रेखा,दो बेटियां ओर पुत्र रमन ,गुड्डी पत्नी नानुकू राम ,इस सभी के पास न तो पका मकान है और न ही शौचालय अभी तक यह लोग जंगल में शौच करने को मजबूर है ।
वही एक गरीब घर धर्म सिंह पुत्र दुर्गा राम , पत्नी गुरमीत कौर,दो लड़के जिनका नाम विशाल, सनी है इस परिवार को पंचायत ने BPL सूची से भी बाहर कर दिया है इस परिवार के पास भी न तो पका घर है और न ही शौचालय बना है । ऐसे में पांवटा विधानसभा क्षेत्र प्रदेश सरकार को स्वच्छ हिमाचल को चार चांद लगा रहे है ।
उक्त पंचायत में बीपीएल परिवार को ना तो पक्का मकान मिला है और ना शौचालय। जिसके कारण बालक राम का सारा परिवार शौचालय के लिए जंगल में जाने के लिए मजबूर है ।बालक राम की पत्नी जन्तो देवीने बताया कि उनके घर पर पंचायत द्वारा कोई भी सुलभ शौचालय अभी तक नहीं बन पाया है । जन्तो देवी ने बताया कि उनके घर में तीन बेटियां हैं जिसके कारण उन्हें हमेशा जंगल में शौचालय जाने पर हमेशा चिंता और डर सताए रहता है । बालक राम का परिवार बीपीएल में होने के बावजूद भी सरकार की सुविधाएं से वांछित है । उक्त पंचायत में एक दर्जन से भी अधिक ऐसे परिवार है जिनके पास न तो पका घर और न ही शौचालय । उक्त पंचायत के उक्त लोगो के पास सरकार की सुविधा नामात्र ही है । ऐसे में प्रदेश सरकार सवाल के घेरे में है आखिर गरीब बीपीएल परिवार को सरकार की सुविधा आखिर क्यों नहीं मिल पा रही है ।
उधर , गोरखुवाला पंचायत प्रधान शुष्मा देवी ने बताया कि 2011 में सुलभ शौचालय की गणना के दौरान कई घर छूट गए थे। जिसके कारण लोगों के शौचालय नहीं बन पाए हैं ।
उधर, पांवटा विकास खंड अधिकारी गौरव धीमान ने बताया कि क्षेत्र के सभी पंचायत प्रधान को कई बार कह दिया है कि जिनके शौचालय नही बन पाए है। वह 14 वित्त आयोग के द्वारा मनरेगा के तहत शौचालय बनाने का प्रावधान है । जिसके लिए कई प्रधान लोगो के शौचालय बना रहे । वही गोरखुवाला पंचायत प्रधान शुष्मा को इसके तहत गांव के रहे गए शौचालय बनाने के लिए कह दिया है ।
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