परिवार के होते हुए एक दशक से भी अधिक नरकीय जीवन जी रहा ।
News portals-सबकी ख़बर(पांवटा साहिब)
उपमंडल पांवटा साहिब के अंतर्गत आने वाली पंचायत गोरखुवाला के खोडोवाला गांव में रोंगटे खड़े होने वाली वाला मामला आया है , जिसमें की मानसिक रोग से पीड़ित व्यक्ति (55 )वार्षिय रामगोपाल पुत्र साधु राम पिछले 10 सालों से अधिक 3 फिट के घर मे नर्क जैसे जीवन व्यतीत करने को मजबूर है । गांव में परिवार के होते हुए भी यह व्यक्ति एक दशक से भी अधिक जी रहे नरकीय जीवन । इस मामले को लेकर जब न्यूज़ पोर्टल्स सबकी ख़बर ने शनिवार को मौके का मुयाना किया तो देखा कि उक्त गाँव मे 3 फिट की झोपड़ी में मानसिक रूप से परेशान रामगोपाल 10 साल से भी अधिक अपना जीवन व्यतीत कर रहा है । हैरान करने वाली बात यह है कि रामगोपाल के भाई भी इसी गांव में रहते हैं जोकि कभी-कभी इस बेसहारा को खाने के लिए कुछ राशन देते हैं । वहीं स्थानीय लोगों ने बताया कि रामगोपाल पिछले 10 साल से भी अधिक यहां पर रह रहा है ।
रामगोपाल कभी अनाज मांग कर खुद खाना बना कर खाता है तो कभी खाना मांग लेता है लेकिन अधिकतर रामगोपाल अपने आप ही खाना बनाता है। जब रामगोपाल से बात की ओर उसके घर देखने को कहा तो रामगोपाल ने बताया कि मै तो कुते से भी बदतर जिंदगी जी रहा हु मेरा घर क्या देखना है साहब, सेवा करनी है तो ऐसे कर दो कुछ यह बात कह कर अपने घर पर बैठ गया ।
बता दे कि यदि मानसिक रूप से पीड़ित रामगोपाल का इलाज किया जाए तो रामगोपाल अपने आप मे सक्षम हो सकता है । जबकी आज तक परिवार ने अभी तक इसका इलाज नही किया है । वही पंचायत के प्रधान द्वारा इस व्यक्ति आज तक कोई सुध नही ली है । वही न तो प्रशाशन ओर न ही समाज सेवी भी उक्त व्यक्ति के लिए आगे नही आया है ।
उधर, पांवटा एसडीएम एल आर वर्मा से सम्पर्क करने की कोशिश की गई पर सम्पर्क नही हो पाया
बता दे की रामगोपाल की ऐसी हालत का पता तब चला जब गोरखुवाला पंचायत के सचिव जयपाल शर्मा पंचायत का फील्ड में सर्वेक्षण के लिए गए । जयपाल शर्मा ने बताया के सर्वेक्षण के दौरान उनकी नजर एक छोटी सी झोपड़ी पर पड़ी जिसमें एक व्यक्ति बैठा हुआ नजर आया । तब जयपाल शर्मा ने उस व्यक्ति से बातचीत की जिसमें मालूम हुआ कि रामगोपाल का परिवार में पत्नी और दो बच्चे तीन भाई भी है । लेकिन रामगोपाल फिर भी ऐसी जिंदगी जी रहा है ।रामगोपाल के परिवार में पत्नी और एक लड़का एक लड़की भी है जो कि विकास नगर में रहते हैं। बताया जा रहा है कि रामगोपाल किसी समय IPH विभाग में तैनात थे लेकिन 15 साल पहले रामगोपाल को उसकी पत्नी ने उसे छोड़ कर वहां से चले गए। जिसके बाद रामगोपाल ने आईपीएच की नौकरी भी छोड़ दी थी । अब वह 10 साल से 3 फीट ऊंची झोपड़ी मे नरकीय जीवन बिताने को मजबूर हैं। ऐसे में सवाल यह भी उठ रहा है कि आखिर कार परिवार के होते हुए भी यह व्यक्ति यहां पर ऐसे जीवन व्यतीत करने को मजबूर हैं ।
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