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हिमाचल सरकार के पास इस साल लोन लेने की लिमिट 1000 करोड़ रुपए बची है। सरकार ने मौजूदा वित्त वर्ष में अब तक 3300 करोड़ रुपए का लोन ले लिया है और सोमवार को उसने 200 करोड़ रुपए और कर्ज के लिए अप्लाई कर दिया है। यह पैसा रिजर्व बैंक से पांच फरवरी को मिलेगा। लिमिट की शेष राशि भी वह मार्च महीने तक ले लेगी, क्योंकि अभी सरकार को अपनी योजनाएं पूरी करने के लिए सप्लीमेंटरी ग्रांट भी देनी है। विभागों ने इसकी डिमांड करनी शुरू कर दी है और वित्त विभाग के पास ऐसे कई प्रस्ताव आ चुके हैं। वित्त विभाग इस मामले में मुख्यमंत्री की वापसी का इंतजार कर रहा है, जिनसे चर्चा करने के बाद विभागों को अतिरिक्त बजट जारी किया जाना है।
इस राशि को पूरा करने के लिए सरकार को और लोन लेना जरूरी होगा, तभी विभाग उन घोषणाओं को पूरा कर सकेंगे जो मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने की है। बताया जाता है कि वित्त विभाग को कई विभागों से अतिरिक्त ग्रांट के प्रस्ताव आए हैं। कुछ दिन पूर्व ही उनके द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की स्थिति पर वित्त विभाग के साथ समीक्षा बैठक हो चुकी है। मुख्य सचिव को इससे अवगत कराया गया है। लोक निर्माण विभाग के साथ आईपीएच, स्वास्थ्य, शहरी विकास व कुछ अन्य विभागों ने अपनी डिमांड भेज दी है, जिस पर वित्त विभाग ने खाका भी बना लिया है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर दिल्ली से लौटने के बाद इस मामले की समीक्षा करेंगे और देखेंगे कि किस विभाग की कौन सी योजना अधूरी रह गई है, जिसे पैसे की दरकार है। बता दें कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने राज्य सरकार की लिमिट बांध रखी है। उसकी सालाना लोन लेने की लिमिट इस बार 4500 करोड़ रुपए की गई थी, जिसमें से तीन हजार करोड़ लिए जा चुके हैं और 300 करोड़ रुपए का कर्ज गात शविर को ही लिया गया था।इसके बाद अब 200 करोड़ के कर्ज के लिए फिर अप्लाई कर दिया गया है।
ऐसे में कुल 3300 करोड़ का लोन हो चुका है, जिसमें 200 करोड़ और जुड़ेंगे, जिसके बाद 1000 करोड़ की लिमिट शेष रह जाएगी। मार्च महीने में सरकार को अपनी पुरानी देयता को भी चुकता करना है। जो उसने पुराने लोन दिए हैं, उनको चुकता करने या फिर उसके ब्याज को लौटाने के लिए पैसा चाहिए, लिहाजा सरकार इस महीने के आखिर में या फिर अगले महीने और कर्जा उठाएगी। चूंकि यहां की वित्तीय स्थिति ऐसी है कि कर्ज लेकर ही काम चल रहा है, तो साफ है कि सरकार को इन कार्यों के लिए अभी और कर्ज चाहिए। दिसंबर महीने में भी सरकार ने एक हजार करोड़ रुपए का लोन लिया था।
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