News Portals -सबकी खबर (नाहन)
नाहन क्षेत्र में लोक निर्माण विभाग की सुस्त कार्यप्रणाली के खिलाफ आखिरकार सोमवार को नाहन में विद्यार्थी परिषद ने जमकर भड़ास निकाली। विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने डा. वाईएस परमार स्नातकोत्तर महाविद्यालय नाहन में खेल मैदान के अधूरे कार्य के अलावा कैंटीन का समय पर निर्माण न करना तथा संस्कृत महाविद्यालय नाहन की मूलभूत सुविधाओं को समय पर पूरा न करने के विरोध में जमकर नारेबाजी की। इस दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने अधिशाषी अभियंता लोक निर्माण विभाग नाहन के कार्यालय के अंदर जाकर जमकर नारेबाजी की।
साथ ही अधिशाषी अभियंता के कार्यालय कैंपस में भी विभाग की लेट-लतीफी के खिलाफ रोष प्रकट किया। एबीवीपी नाहन इकाई ने इस दौरान प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य अंशुल शर्मा, इकाई अध्यक्ष दीपक, संस्कृत कालेज इकाई अध्यक्ष आशु के अलावा शीतल, कविता, सुमन, मनीष, कनिष्क, काजल, कार्तिक आदि दर्जनों विद्यार्थियों के साथ नारेबाजी करते हुए कहा कि लोक निर्माण विभाग की लेट-लतीफी के कारण राजकीय महाविद्यालय नाहन के खेल मैदान का अढ़ाई वर्ष से निर्माण कार्य पूरा नहीं हो रहा है। इसके अलावा कालेज की कैंटीन का निर्माण भी नहीं हो पा रहा है। संस्कृत महाविद्यालय नाहन के नए भवन में मूलभूत सुविधाओं, जिसमें बिजली, पानी आदि की मुख्य समस्या है उस पर भी लोक निर्माण विभाग कछुआ गति से कार्य कर रहा है।
विद्यार्थी परिषद की प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य अंशुल शर्मा ने बताया कि जब विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता लोक निर्माण विभाग के कार्यालय का घेराव कर रहे थे ,तो इससे पूर्व ही विभाग के अधिकारी आफिस से नौ दो ग्यारह हो गए थे। इस दौरान विद्यार्थी परिषद कार्यकर्ताओं ने लोक निर्माण विभाग को चेतावनी दी कि यदि नाहन कालेज के कैंटीन व खेल मैदान का निर्माण कार्य शीघ्र पूरा नहीं किया गया तो दोबारा विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता विभागीय अधिकारियों व कार्यालय का घेराव करेंगे। उन्होंने कहा कि नाहन महाविद्यालय के अंदर कैंटीन का कार्य डेढ़ वर्ष से तथा खेल मैदान का कार्य अढ़ाई वर्ष से पूरा नहीं हो रहा है। प्रशासन द्वारा भी इस बारे में सर्दियों के अवकाश के बाद कार्य करने का आश्वासन दिया गया था, परंतु एक माह से अधिक का समय बीत जाने के बावजूद अभी तक खेल मैदान व कैंटीन का निर्माण कार्य अपने अस्तित्त्व की लड़ाई लड़ रहा है, जिसके चलते विद्यार्थियों को भारी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है।
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