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मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मंगलवार को विधानसभा में कहा कि फंड का दुरुपयोग कर रही पंचायतों की जांच विजिलेंस को सौंपी जाएगी। तीन माह के भीतर विजिलेंस को जांच पूरी करनी होगी। इसके अलावा दोषी पंचायत प्रधानों के खिलाफ एक माह के भीतर कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन पंचायतों के खिलाफ बार-बार फंड मिसयूज की शिकायतें आ रही हैं, उनके विरुद्ध सरकार बड़ी कार्रवाई करेगी। शिलाई के विधायक हर्षवर्द्धन द्वारा प्रश्नकाल में पूछे गए सवाल के जवाब में सीएम ने कहा कि पंचायतों में फंड के दुरुपयोग से सभी लोग परेशान हैं।
मुख्यमंत्री का कहना था कि हिमाचल की कुछेक पंचायतें बेहतरीन काम कर रही हैं। सभी प्रधान या अधिकारी गलत नहीं हो सकते हैं। बावजूद इसके कुछ पंचायतों में बार-बार घपलों की शिकायतें आ रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वित्तायोग अब सीधी फंडिंग पंचायतों को कर रहा है। इस कारण पंचायत प्रधान के पास विधायकों से भी ज्यादा विकास के लिए फंड खर्च करने का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि अगर यह सारा पैसा विकास कार्य पर खर्च हो जाए, तो पंचायतों की तकदीर व तस्वीर बदल सकती है। मंगलवार को प्रश्नकाल के दौरान इस मुद्दे पर समूचा सदन तप गया। सत्तापक्ष तथा विपक्ष दोनों तरफ के विधायकों ने फंड के दुरुपयोग पर पंचायत प्रतिनिधियों और अधिकारियों-कर्मचारियों को निशाने पर लिया। यह मूल प्रश्न शिलाई के विधायक हर्षवर्द्धन का था। उन्होंने कहा कि उनकी शिलाई पंचायत में सबसे ज्यादा घोटाले हो रहे हैं। इसमें मनरेगा के करोड़ों के बजट का दुरुपयोग हो रहा है।
उन्होंने अरोप लगाया था कि लगभग दस सालों से यह भ्रष्टाचार उनकी ब्लॉक के पंचायतों में हो रहा है, लेकिन कोई भी सरकार इस भ्रष्टाचार को रोक नहीं पाई है। इस मामले पर भाजपा विधायक राकेश पठानिया ने भी सहमति जताई और विजिलेंस जांच की मांग की। वहीं कांग्र्रेस नेता व नादौन के विधायक सुखविंद्र सिंह सुक्खु ने भी इस पर सरकार को सवालों के घेरे में लिया। इस मसले पर सदन खूब गरमाया। यही वजह रही कि मुख्यमंत्री ने कहा कि वह जानते हैं कि पंचायतों में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार हो रहा है। वहीं जनता के पैसों का दुरुपयोग भी हर साल करोड़ों में हो रहा है। उन्होंने साफ कहा कि अब जिस भी पंचायत से ज्यादा शिकायतें आएंगी, उसके खिलाफ विजलेंस जांच की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब पंचायतों के खिलाफ दर्ज होने वाली शिकायतों का समाधान भी तीन माह के अंदर कर दिया जाएगा। हालांकि इस दौरान मुख्यमंत्री ने विपक्ष व अपनी सरकार के ही कुछ नेताओं पर तंज कसते हुए यह भी कहा कि अगर जांच के दौरान किसी पंचायत प्रधान व सदस्य के आरोप सही पाए जाते हैं और इस दौरान उन पर कार्रवाई अमल में लाई जाती है, तो ऐसे में कोई भी नेता किसी की सिफारिश लेकर न आए।
एक महीने के अंदर लिया जाएगा एक्शन
पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने मुख्यमंत्री से पहले इस सवाल के जवाब में कहा कि फंड मिसयूज के आरोपी प्रधानों के खिलाफ एक माह के भीतर एक्शन लिया जाएगा। जिन पंचायतों के खिलाफ फंड मिसयूज की शिकायतें हैं, उनकी जांच छह माह के भीतर पूरी कर ली जाएगी।
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