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शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अपने कार्यकाल का तीसरा बजट पेश किया। सीएम ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए नई योजनाओं की घोषणा की। वित्त वर्ष 2020-21 के लिए वार्षिक योजना 7900 करोड़ रुपये की है। इसमें से 1990 करोड़ अनुसूचित जाति उप योजना, 711 करोड़ जनजाति उप योजना और 88 करोड़ रुपये पिछड़ा क्षेत्र उप योजना के लिए प्रस्तावित है। प्रदेश में पिछड़े क्षेत्रों के लिए आकांक्षात्मक खंड विकास कार्यक्रम (एडीबीपी) शुरू किया जाएगा।
किसानों-बागवानों के लिए 20 करोड़ रुपये का कृषि कोष बनाया जाएगा। हींग तथा केसर की खेती को बढ़ावा देने के लिए कृषि से संपन्नता योजना शुरू की जाएगी। कृषि उत्पाद संरक्षण (एंटी हेलनेट) योजना के अंतर्गत हेलनेट के लिए बांस और स्टील के स्थाई संरचना पर 50 फीसदी अनुदान दिया जाएगा।
विधायक प्राथमिकता योजनाओं के लिए प्रति विधानसभा चुनाव क्षेत्र के लिए धनराशि सीमा 120 करोड़ रुपये होगी। विधायक क्षेत्र विकास निधि योजना के अंतर्गत अब 1 करोड़ 75 लाख रुपये तथा विवेक अनुदान राशि 10 लाख रुपये होगी।
मधुमक्खी पालन से संबंधित गतिविधियों के लिए मधु उत्पादन एवं प्रसंस्करण योजना शुरू की जाएगी। सुगंधित पौधों के लिए एक नई योजना महक शुरू की जाएगी। मुर्गी पालन क्षेत्र में हिम कुक्कुट पालन योजना शुरू की जाएगी। दूध खरीद मूल्य को दो रुपये बढ़ाया जाएगा।
जल संग्रहण, प्रबंधन और संरक्षण के लिए नई योजना पर्वत धारा चलाई जाएगी। वन क्षेत्र में इस योजना का कार्यान्वयन वन विभाग द्वारा किया जाएगा। मनरेगा कामगारों को कौशल प्रशिक्षण के लिए नई योजना उन्नति तथा ग्रामीण क्षेत्रों में पार्क एवं बाग बनाने के लिए पंचवटी योजना शुरू की जाएगी।
शिक्षा की गुणवत्ता पर बल दिया जाएगा। प्रारंभिक शिक्षा में गुणवत्ता के लिए स्वर्ण जयंती ज्ञानोदय क्लस्टर योजना शुरू होगी। एनसीसी युवाओं को सेना, अर्धसैनिक बलों और पुलिस सेवाओं में भर्ती को प्रोत्साहन देने के लिए बटालियन और कंपनी खोली जाएगी।
टीबी रोगियों के लिए 1500 रुपये प्रतिमाह की दर से सहायता दी जाएगी। महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का शुरूआती स्टेज में ही पता लगाने के लिए प्रदेश के सभी जिला अस्पतालों में मेमोग्राफी मशीनें उपलब्ध करवाई जाएंगी। बेसहारा लोगों को मुफ्त इलाज तथा डायग्नास्टिक सेवाएं प्रदान करने के लिए नई योजना सम्मान शुरू की जाएगी।
शहरी स्थानीय निकायों को अनुदान राशि 61.74 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 207 करोड़ रुपये तथा छावनी क्षेत्रों के लिए पहली बार यह अनुदान दिया जाएगा। जल जीवन मिशन के अंतर्गत 2024 से पहले प्रदेश के सभी घरों में शुद्ध पेयजल की व्यवस्था की जाएगी।
नया निवेश आकर्षित करने के लिए हिमाचल प्रदेश निवेश प्रोत्साहन अभिकरण की स्थापना की जाएगी। नए उद्यमों के लिए हिम स्टार्ट अप योजना शुरू की जाएगी। चर्मकारों, बुनकरों, दस्तकारों और अन्य शिल्पकारों के लिए नई योजना पारंपरिक हथकरघा एवं हस्तशिल्प क्लस्टर परियोजना शुरू की जाएगी। इसके लिए 58 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
धर्मशाला में होटल मैनजमेंट और सुंदरनगर में फूड क्राफ्ट संस्थानों की स्थापना की जाएगी। 50 हजार अतिरिक्त पात्र लोगों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन दी जाएगी तथा विधवा, दिव्यांगजन की पेंशन राशि को 850 रुपये से बढ़ाकर एक हजार रुपये प्रतिमाह किया गया। इससे कुल 1 लाख 75 हजार लोगों को लाभ पहुंचेगा। आंगनबाड़ी केंद्रो के बच्चों के लिए नई बाल पोषाहार टॉप अप योजना लागू होगी।
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