News portals-सबकी खबर(पांवटा साहिब)
रोटरी क्लब पांवटा साहिब के प्रधान पद पर अपने कार्यकाल में बेहतरीन सामाजिक उत्थान व सेवाभावना से कार्य किया। पिछले 15 वर्षों से शिक्षा के क्षेत्र में नई बुलंदियों को छूने के प्रयास में जुटी है। बिना किसी सुर्खियों में रह कर। लाईम लाईट वचकाचौंध से एकदम दूर। इस महिला शक्ति का नाम है गुरमीत कौर नारंग। उनका कहना है कि महिलाओं को किसी का मोहताज नही रहना चाहिए। अपना मुकाम खुद तय करें, अपने दम पर सफलता की सीढिय़ों को चढ़ कर मंजिल तक पहुंचने का अपना ही सुकून होता है।
गुरु की नगरी पांवटा साहिब निवासी गुरमीत कौर नारंग का जन्म देहरादून में माता जोगिंदर कौर व पिता राम सिंह छाबड़ा के घर 27 सितंबर 1998 को हुआ। उनकी शिक्षा-दीक्षा देहरादून के बेहतरीन स्कूल व कॉलेज मेें हुई। 8 फरवरी 1998 को उनका विवाह पांवटा के प्रतिष्ठित व्यवसायी नरेंद्र पाल सिंह नारंग के साथ हुआ। पांवटा रोटरी क्लब के अध्यक्ष पद पर रहते हुए समाजसेवा की नई ईबारत लिखी। सामाजिक कार्यों में शुरु से ही दिलचस्पी रही। जब मौका मिला तो रोटरी को नई बुलंदियों तक पहुंचाया। गुरमीत कौर ने अपने डिस्ट्रिक्ट रोटरी डिस्ट्रिक्ट 3080 में खूब नाम कमाया। वर्ष 2004 में जब उनके पति ने एक नया स्कूल स्कॉलर होम स्कूल के नाम से पांवटा साहिब में शुरू किया। अपने पति के साथ कंधे से कंधा मिलाकर उस स्कूल को बेहतर बनाने में पूरी मदद की। पिछले 15 सालों में उन्होंने स्कूल को एक नई बुलंदियों तक पहुंचाया। जिसमें सीबीएसई में प्रदेश को टॉपर देने की कामयाबी शामिल है। स्कूल बच्चों व अध्यापक वर्ग को बहुत मदद करती है। आज भी 60 परसेंट जो अध्यापिका हैं वह महिलाएं ही है।
अपने कैरियर में आगे बढऩे के लिए बहुत मदद की है। इसी बात से वह खुश होती हैं कि उनके द्वारा किए गए कार्य से मेरे आस-पास के लोगों को समाज को फायदा आ रहा है। जब तक महिलाओं को एक अच्छा प्लेटफार्म ना दिया जाए तो उनको अपनी प्रतिभा निखारने का मौका कैसे मिलेगा। अगर उन को कहीं अच्छे काम में लगाया जाए तब जाकर वह अपने जीवन यापन में वह अपने परिवारों की आर्थिक मजबूती में खूब मदद कर सकते है। शिक्षा के क्षेत्र में गुरमीत कौर ने लड़कियों व बच्चों को की पढ़ाई के लिए काफी बेहतरीन काम किया है।
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