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यह सुविधा प्रदेश के आईजीएमसी और टांडा मेडिकल कालेज में उपलब्ध होगी, जिसे लेकर सरकार ने मंजूरी प्रदान कर दी है।अब हिमाचल प्रदेश में ही कोरोना के सैंपल जांचे जाएंगे। अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) आरडी धीमान ने बताया कि आईजीएमसी और टांडा में कोरोना वायरस की जांच सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है। अब इस वायरस के संदिग्ध लक्षणों के साथ आने वाले लोगों के सैंपल दिल्ली न भेजकर यहीं जांचे जाएंगे, जिससे कि संक्रमण की संभावनाओं को जल्द ही नियंत्रित कर संभावित रोगी का उपचार किया जा सके। विभाग के मुताबिक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग कोरोना वायरस के प्रति निरंतर सजगता और सतर्कता बरतते हुए विभागीय स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को संभावित संक्रमण की रोकथाम के लिए प्रशिक्षित व प्रेरित कर रहा है।
विभाग ने साफ किया है कि कुछ दिनों से देश व प्रदेश में सर्दी, खांसी, जुकाम, बुखार आदि के लक्षणों के साथ आने वाले संदिग्ध व्यक्तियों पर सूक्ष्म स्तर तक निगरानी बनाए रखने के साथ-साथ जनसाधारण को भी दैनिक वस्तु-स्थिति और संक्रमण रोकथाम के उपायों से अवगत करवाया जा रहा है। यह जानकारी देते हुए आरडी धीमान ने बताया की राज्य सर्विलांस अधिकारी सहित अन्य अधिकारियों को दिल्ली में संक्रमण रोकथाम के बारे में प्रशिक्षत किया गया है।
इसे लेकर सोमवार को विशेष सचिव (स्वास्थ्य) एवं मिशन निदेशक (राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन) निपुण जिंदल की अध्यक्षता में प्रदेश के सभी जिला सर्विलांस अधिकारियों, मेडिकल स्पेशलिस्ट, प्रयोगशाला प्रभारी, आईईसी कार्यक्रम अधिकारियों की वीडियों कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में निदेशक चिकित्सा शिक्षा, संयुक्त निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं , उप-मिशन निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, राज्य सर्विलांस अधिकारी सहित अन्य विभागीय अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।
गौर हो कि हिमाचल में अब तक चार संदिग्ध व्यक्तियों के सैंपलों की जांच की जा चुकी है, जिसमें तीन लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव पाई गई है तथा एक की रिपोर्ट आनी बाकी है।स्वास्थ्य विभाग व प्रदेश की जनता के लिए यह राहत का विषय है। बावजूद इसके स्वास्थ्य विभाग पूर्णतः कोरोना से निपटने के लिए अत्याधुनिक स्वास्थ्य सुविधाओं व कार्य बल से काम कर रहा है।
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