News portals-सबकी खबर (पांवटा साहिब )
हिमाचल-उत्तराखंड सीमा पर स्थित यमुना नदी में अवैध खनन के वीडियो वायरल मामले में उत्तराखंड पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। जिसके अनुसार तीन युवक अवैध खनन करने वालों ट्रकों से 700 रुपए प्रति ट्रक वसूल कर 500 रुपए प्रति ट्रक हिमाचल पुलिस कि सिंघपुरा पुलिस चौकी को पहुंचाए जाते हैं।
उधर ,डीएसपी (डाकपत्थर) उत्तराखंड भूपेंद्र सिंह धोनी ने पूरे मामले का खुलासा करते हुए बताया कि हाल ही में एक वीडियो वायरल हुए था। जिसमें हिमाचल-उत्तराखंड सीमा पर एक ट्रक चालक वीडियो पर यह कहते दिखाई दे रहा है कि वे अवैध खनन के बदले में 700 रुपए प्रति ट्रक पुलिस को देते हैं। लेकिन वीडियो में ये स्पष्ट नहीं हो पाया की वे कहां अवैध खनन कर रहे हैं ? और उगाही की राशि कौन सी पुलिस को देते हैं ?
वीडियो संज्ञान में आने के बाद पूरे मामले की जांच खुद डीएसपी(सीओ) भूपेंद्र सिंह धोनी ने की। जांच के दौरान उन्होंने उगाही करने वाले गोपाल व रियात को हिरासत में लेकर पूछताछ की। इतना ही नहीं बल्कि उनकी मोबाईल कॉल डिटेल्स भी निकलवा कर उनके बयानों के साथ मैच की गई। ताकि पूरी सच्चाई सामने आ सके।
डीएसपी भूपेंद्र सिंह धोनी ने बताया कि जांच के दौरान पाया गया कि ये अवैध खनन हिमाचल प्रदेश की सीमा में सिंघपुरा पुलिस चौकी से मात्र पचास मीटर की दूरी पर यमुना नदी के किनारे पर किया जा रहा था। इस वीडियो में जिन उगाही करने वाले अभियुक्तों के नाम आए हैं उन्हें हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ भी की गई।
उन्होंने बताया कि वे उत्तराखंड के ढकरानी क्षेत्र के रहने वाले हैं। हिमाचल प्रदेश के सिंघपुरा क्षेत्र में अवैध खनन करने वाले ट्रक चालकों से 700 रुपए प्रति ट्रक वसूलते हैं। जिसमे में 500 रुपए प्रति ट्रक हिमाचल पुलिस के नाम पर सिंघपुरा पुलिस चौकी पहुंचाया जाता है। अभियुक्तों के बयानों की पुष्टि के लिए इनकी कॉल डिटेल्स मैच कर के देखी गई। जिसमें पाया गया की सिंहपुरा पुलिस चौकी के कई कर्मचारी मोबाइल पर उगाही करने वाले युवकों के संपर्क में थे। इससे उनके बयानों की पुष्टि हुई है।
डीएसपी धोनी ने बताया डीजीपी उत्तराखंड के आदेशों पर जांच पूरी करने के पश्चात पाया गया ये पूरा मामला हिमाचल पुलिस का है। इसमें उत्तराखंड पुलिस का कोई लेना देना नहीं है।
बता दें कि अवैध खनन पर वसूली का वीडियो वायरल होने के बाद हिमाचल पुलिस मामले की लीपापोती में जुटी है। मामले को उत्तराखंड का बता कर रफा दफा करने का प्रयास किया जा रहा है। यहां तक कि आला अधिकारियों को भी इस मामले में गलत रिपोर्ट भेजे जाने की सूचना है। उधर, पूछे जाने पर एसपी सिरमौर अजय कृष्ण शर्मा का कहना है कि पांवटा साहिब पुलिस अभी मामले की जांच में जुटी है।
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