News portals-सबकी खबर (पांवटा साहिब )
गुरु की नगरी पांवटा साहिब में हो चुके ऐतिहासिक होली मेला इस बार व्यापारियों के लिए घाटे का सौदा साबित हुआ था। कोरोना के भय व मौसम की मार से सैकड़ों व्यापारी व झूलों के ठेकादार परेशान रहे। जिसके बाद कारोबारियों ने प्रशासन व नगर परिषद से 50 फीसदी किराया राशि लौटाने की गुहार लगाई थी। पांवटा नगर परिषद ने व्यापारियों व झूला ठेकेदारों की फरियाद सुन ली है। बैठक में 50 फीसदी किराया लौटाने का फैसला हुआ है।
बता दे की पांवटा होली मेला 10 से 17 मार्च 2020 तक चलना था। शुरू के तीन दिन तक बारिश ने मेले की रौनक को बिगाड़ दिया था। फिर, सोमवार को कोरोना वायरस के चलते पहले मेला प्रबंधन कमेटी व प्रशासन ने सांस्कृतिक संध्या व दंगल को रद्द कर दिया। इसके बाद सोमवार शाम को ही मेला बंद करने का निर्देश जारी कर दिया गया था। लिहाजा, 17 मार्च को हर हाल में मेला स्थल से दुकानें हटा दी गईं। ऐसे में व्यापारियों ने प्रशासन व मेला प्रबंधन कमेटी से कम से कम 50 फीसदी प्लॉटों की राशि वापस लौटाने की मांग उठाई थी।
शुक्रवार को पांवटा नगर परिषद की बैठक में सर्वसम्मति से फैसला लिया गया कि जिन दुकानदारों के प्लॉट 15 सौ से अधिक के थे, ऐसे सभी दुकानदारों को 50 फीसदी राशि लौटाई जाएगी। मेले में झूलों के ठेकेदार को भी धनराशि लौटाने का फैसला लिया गया। बैठक में कोरोना वायरस से निपटने को हर वार्ड में स्प्रे करवाने का फैसला लिया है।
जन जागरूकता अभियान को होर्डिंग्स लगाने व मीडिया में प्रचार प्रसार करने का फैसला हुआ है। सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार इस बार होली मेला में लगे झूलों व दुकानों के आबंटन से नगर परिषद कमेटी की करीब 45 लाख से अधिक आय हुई थी। लेकिन, व्यापारियों की मांग को पूरा करते हुए कमेटी ने पचास फीसदी किराया राशि लौटाने का फैसला लिया है।
इस मौके पर पांवटा नगर परिषद कमेटी की अध्यक्ष सीमा देवी, उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह मान, पार्षद भावना चानना, संजय सिंघल, हरविंद्र कौर, कृष्णा धीमान, धनवीर कपूर, इंद्रप्रीत कौर, नवीन शर्मा, जसमेर सिंह, ईओ एसएस नेगी, लिपिक बारु राम शर्मा समेत पार्षद व स्टॉफ सदस्य मौजूद रहे।
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