News portals-सबकी खबर (नौहराधार)
देश भर में जहां कोरोना वायरस से जहां किसान आहत हो गए हैं। वहीं छोटे-मोटे व्यापारियों की आर्थिकी पर विपरीत असर पड़ गया है। जिन व्यापारियों का छोटी दुकानदारी व ढाबों से परिवार चलता था वह आज परेशानी में आ गया है। आजकल नौहराधार के निचले क्षेत्रों लानाचेता, भुजोंड, सेरतंदुला, भराड़ी व पुनररधार में मटर की नकदी फसलों को निकालने का समय चला हुआ है। मगर मटर को कोई भी व्यापारी लेने के लिए तैयार नहीं हो रहे हैं। यदि कोई बिचौलिए ले भी रहे हैं तो कोड़ी के भाव ले रहे हैं। कई किसानों के मटर खेतों में सड़ने की कगार पर पहुंच गए हैं।
विगत सोमवार को कई किसानों ने अपनी मटर की नकदी फसल का तुड़ान किया है मगर ये मटर घरों के कोने में व बाहर खेतों में सड़ने की कगार पर पहुंच गए है। हर एक किसान आढ़तियों के संपर्क में रह रहे हैं मगर आढ़तियों से एक ही जवाब मिल रहा है कि मटर को आगे बड़ी मंडियों में भेजना मुश्किल हो गया है क्योंकि परवाणू बैरियर से स्टॉक किया गया मटर चंडीगढ़ ले जाना रिस्की है। नीचे चंडीगढ़-पंजाब में कोरोना वायरस के बढ़ते बीमारी के चलते कोई भी गाड़ी वाला तैयार नहीं हो रहा है।
प्रगतिशील किसान पिंकू, जयपाल, देशराज, भीम सिंह, सुभाष, अमन पुंडीर आदि ने बताया कि क्या करें कोरोना वायरस ने जहां दहशत में डाल दिया है वहीं हमारी यह नकदी फसलों पर भी व्यापक असर पड़ा हैं। उनका कहना है कि मटर का भाव 50 से 60 रुपए प्रति किलो बिकता था मगर अब यह मटर मात्र 15 से 18 रुपए बिक रहा है। बहरहाल क्षेत्र के हजारों किसानों को इस कोरोना वायरस ने सड़क पर उतार दिया है।
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