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सार
- एम्स के निदेशक ने माना कुछ स्थानों पर स्टेज-3 में पहुंचा
- नहीं संभले तो हालात गंभीर होने का अनुमान
- लोगों की लापरवाही से बढ़ रहा है मामला
विस्तार
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक डा. रणदीप गुलेरिया का कहना है कि देश के कुछ स्थानों में कोविड-19 स्टेज-3 में पहुंच चुका है। स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि हरियाणा के पांच गांवों को क्वारंटीन करके उनकी निगरानी की जा रही है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल का फैसला : लड़ाई लंबी चलेगी
कैबिनेट के निर्णय से साफ है कि कोविड-19 की लड़ाई आगे और बढ़ने वाली है। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में सिस्टम को और मजबूत करने का निर्णय हुआ है। राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मंत्री, सांसदों के वेतन में 30 फीसदी की कटौती करके इसे कोविड-19 से लड़ने में खर्च करने का निर्णय लिया गया है।
दूसरा बड़ा फैसला सांसद निधि के लिए जारी होने वाले 7,900 करोड़ रुपये के वित्तवर्ष 2020-21 और 2021-22 के फंड का इस्तेमाल भी कोविड-19 के संक्रमण को रोकने में किया जाएगा।
दोपहर बाद प्रेसवार्ता में संयुक्त सचिव ने दिया संकेत
295 संक्रमित ठीक हुए हैं, तो 109 कोविड-19 के संक्रमण में जान गवां बैठे हैं। 24 घंटे के भीतर 13 लोगों की मौत का आंकड़ा चौकाने वाला है। दु:खद है कि कोविड-19 संक्रमण की संभावना में 25500 तब्लीगी जमात के लोग क्वारंटीन किए गए हैं।
1445 में संक्रमण फैलने की संभावना है। स्वास्थ्य मंत्रालय का यह आंकड़ा अब डरा रहा है। कोविड-19 का संक्रमण बढ़ रहा है।
कोविड-19 दे रहा है अब कड़ी चेतावनी
अभी डाक्टरों को ही गुणवत्ता के मास्क और किट नहीं मिल पा रहे हैं। 50 से अधिक डाक्टर और पैरा मेडिकल स्टाफ कोविड-19 से संक्रमित हो चुके हैं। डा. अश्विन चौबे का कहना है कि दूरदराज के स्थानों पर यह समस्या और भी गंभीर हो सकती है।
डा. अश्विन चौबे राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान, सैफई से पोस्ट ग्रेजुएट हैं। उनका कहना है कि उनके अपने मित्रों से बात हो रही थी, हर जगह मास्क आदि की कमी है। उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में कादीपुर तहसील में तैनात डा. अजय सिंह का कहना है कि लोगों में डर है, लेकिन लापरवाही भी है।
मास्क आदि की समस्या तो है। ऐसे में चिकित्सकों का कहना है कि कोविड-19 का संक्रमण अब कड़ी चेतावनी दे रहा है। बताते हैं स्टेज-3 में भारत ने प्रवेश करना शुरू कर दिया है
लॉकडाउन लंबा चलेगा
सूत्र का कहना है कि केजीएमयू और एसजीपीजीआई के चिकित्सकों से उन्होंने राय ली थी। वह कई स्तरों पर जानकारी एकत्र कर रहे हैं। वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि तब्लीगी जमात के लोगों की तरह ही देश में या राज्यों में कोरोना के संक्रमित पहुंच चुके थे।
लोगों ने खुद इस मामले में लापरवाही की। जांच के लिए आगे नहीं आए। खुद को क्वारंटीन होने से बचाते रहे। मुझे लग रहा है कि स्थिति के यहां तक पहुंचने का कारण यही है। पटपड़गंज के एक अस्पताल की सुनिए। एक निजी अस्पताल के डा. सर्जिकल मास्क लगाकर मरीज देख रहे थे। उनके पास एक मरीज कोविड-19 से संक्रमित की संभावना वाला आया।
मरीज इस समय दिल्ली के जीटीबी हास्पिटल में हैं, लेकिन चिकित्सक ने खुद को क्वारंटीन कर लिया है। डाक्टर साहब का कहना है कि मरीज को भी संक्रमण की आशंका थी, लेकिन वह बिना पूरी सावधानी के आया था।
वहीं डा. साहब को प्रयास करके भी एन-95 स्तर का मास्क नहीं मिल सका था। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों का मानना है कि अब तक 50 से अधिक डाक्टर, नर्स और पैरा मेडिकल स्टाफ कोविड-19 से संक्रमित हो चुका है।
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