Breaking News :

मौसम विभाग का पूर्वानुमान,18 से करवट लेगा अंबर

हमारी सरकार मजबूत, खुद संशय में कांग्रेस : बिंदल

आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद 7.85 करोड़ रुपये की जब्ती

16 दिन बाद उत्तराखंड के त्यूणी के पास मिली लापता जागर सिंह की Deadbody

कांग्रेस को हार का डर, नहीं कर रहे निर्दलियों इस्तीफे मंजूर : हंस राज

राज्यपाल ने डॉ. किरण चड्ढा द्वारा लिखित ‘डलहौजी थू्र माई आइज’ पुस्तक का विमोचन किया

सिरमौर जिला में स्वीप गतिविधियां पकड़ने लगी हैं जोर

प्रदेश में निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण निवार्चन के लिए तैयारियां पूर्ण: प्रबोध सक्सेना

डिजिटल प्रौद्योगिकी एवं गवर्नेंस ने किया ओएनडीसी पर क्षमता निर्माण कार्यशाला का आयोजन

इंदू वर्मा ने दल बल के साथ ज्वाइन की भाजपा, बिंदल ने पहनाया पटका

November 23, 2024

कांगड़ा में लॉकडाउन में मवेशी चराना पड़ेगा महंगा

News portals-सबकी खबर (कांगड़ा )

कोरोना वायरस महामारी के कारण देश व प्रदेश में लॉकडाउन हैं और कुछ समय के लिए लोग अपनी जरूरी चीजें खरीदने व मवेशियों आदि को चराने का कम कर सकते हैं, लेकिन कांगड़ा जिला के इंदौरा विधानसभा क्षेत्र में गुज्जर समुदाय के कुछ लोगों पर इसका कोई असर नहीं है। ये लोग लॉकडाउन में दी गई ढील के बाद भी सारा दिन अपने मावेशियों के साथ इधर से उधर आते-जाते नजर आते हैं, जो कि सीधे तौर पर लॉकडाउन का उल्लंघन है। वहीं इंदौरा के स्थानीय निवासियों का कहना है कि ये लोग अकसर 11 बजे के बाद ही अपने मवेशियों को चराने के लिए बाहर घूमते नजर आ जाते हैं।

ऐसे समय में जब एक महामारी जो एक-दूसरे के संपर्क में आने से फैल सकती ह, ये बिना किसी रोक टोक पानी के स्रोतों सहित कई सर्वजनिक जगहों पर घूमते रहते हैं। इससे इस बीमारी के फैलने का खतरा बना हुआ है। इस मामले को लेकर पंकज शर्मा भूतपूर्व भाजपा युवा उपाध्यक्ष नूरपुर संगठनात्मक जिला ने कहा कि गुज्जर समुदाय के कुछ लोग 11 बजे के बाद ही सड़कों पर निकलतें हैं, जबकि हम अपने मवेशियों को घर पर चारा डालते हैं, तो ये क्यों नहीं घरों पर चारा डाल सकते हैं।

इस मामले को लेकर रज्जाक अली सचिव भाजपा युवा मोर्चा मंडल इंदौरा ने कहा कि अगर 11 बजे के बाद कोई भी मवेशी चराने वाला दिखाई देता है, तो उस पर नियमानुसार कार्रवाई होनी चाहिए। सलामुदीन पूर्व हज कमेटी सदस्य ने कहा कि अगर ऐसा हो रहा है, तो यह कानून का उल्लंघन है, जिस पर कार्रवाई होनी चाहिए तथा अगर ऐसा करना भी है तो सरकार की अनुमति लेनी चाहिए। इस संबंध में जब जिलाधीश कांगड़ा राकेश प्रजापति से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि घोड़ा, खच्चर, ऊंट, भेड़-बकरियों को पैदल एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने में कोई पाबंदी नहीं है।

कर्फ्यू में दी गई ढील के समय में ही गाय भैंस चराई जा सकती हैं, लेकिन इस समय के बाद यदि कोई भी व्यक्ति मवेशियों को चराता हुआ दिखाई देता है, तो प्रशासन द्वारा उसके खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। इस संबंध में जब मुस्लिम भाईचारा हिमाचल प्रदेश के अध्य्क्ष लाल हुसैन अंबी से बात की गई, तो  उन्होंने कहा कि सभी को सरकार के निर्देशों का पालन करना चाहिए और अगर कोई भी उसका उल्लंघन कर रहा है, तो उस पर कार्रवाई होनी चाहिए। वहीं इंदौरा की विधायक रीता धीमान ने कहा कि किसी भी समुदाय द्वारा कर्फ्यू का उल्लंघन किया जा रहा है, तो उस पर कार्रवाई होनी चाहिए।

Read Previous

कोरोना का कर्मवीर: कांस्टेबल अर्जुन ने ड्यूटी के लिए त्याग की मिसाल पेश की

Read Next

कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए पीपीई किट को देश के कोने-कोने तक पहुंचाने का जिम्मा डाक विभाग ने उठाया

error: Content is protected !!