News portals-सबकी खबर (शिमला )
कोराना वायरस को फैलने से रोकने के लिए हिमाचल में अब धुआं रहित तंबाकू के थूकने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। सरकार ने यह फैसला भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद की अपील पर लिया है। हिमाचल एपीडेमिक डिजीज कोविड-19 रेगुलेशन 2020 के अंतर्गत जारी आदेश मानना कानूनी बाध्यता होगी। इस निर्देशों के तहत राज्य के सभी सार्वजनिक स्थानों पर धुआं रहित तंबाकू के थूकने पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध रहेगा। इसमें चबाया हुआ पान मसाला, सुपारी, गुटका या अन्य गैर तंबाकू उत्पाद शामिल हैं। निर्देशों की अवहेलना पर उचित कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। इस संबंध में अतिरिक्त मुख्य सचिव आरडी धीमान की ओर से निर्देश जारी किए गए हैं।
गोर हो की हिमाचल में छह अप्रैल 2020 से गुटका, पान मसाला, सुपारी, मशेरी जैसे आदि उत्पादों के उपयोग, उत्पादन, वितरण और बिक्री पर प्रतिबंध लगाया गया है।
इसके साथ् ही प्रदेश सरकार ने हिमाचल में सैनिटाइजर स्प्रे टनल बनाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। डब्ल्यूएचओ की एडवाइजरी के बाद सरकार ने यह निर्देश जारी किए हैं। डब्ल्यूएचओ के कहा है कि स्प्रे से कीटाणु नहीं मरता है। ऐसे में यह हानिकारक हो सकता है। बार-बार हाथ धोने से कीटाणु खत्म हो जाते हैं। हिमाचल में कई जगह स्प्रे टनल के निर्माण का कार्य चला हुआ था।
बता दें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से लॉकडाउन बढ़ाने की घोषणा के बाद हिमाचल सरकार ने प्रदेश में लॉकडाउन के साथ कर्फ्यू भी तीन मई तक जारी रखने का फैसला लिया है। इसकी जानकारी अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य आरडी धीमान ने मंगलवार को शिमला में पत्रकार वार्ता के दौरान दी। सरकार ने इस संबंध में मंगलवार शाम को निर्देश जारी कर दिए हैं। इन निर्देशों के तहत अब प्रदेश में सभी के लिए मास्क लगाकर घर से बाहर निकलना अनिवार्य होगा। इसके लिए घर में बना मास्क भी इस्तेमाल किया जा सकता है। फेस कवर नहीं करने वालों पर उचित कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही अब सभी विभागाध्यक्ष और सचिव कम स्टाफ के साथ कार्यालय आएंगे, ताकि जरूरी सरकारी काम प्रभावित न हो। वहीं, सभी सरकारी नियमित और अनुबंध कर्मचारियों का एक दिन का वेतन कोविड फंड में जाएगा। कर्फ्यू में ढील पहले की तरह ही रहेगी। नई व्यवस्था 15 अप्रैल से तीन मई तक लागू रहेगी।
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