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प्रदेश में कोरोना वायरस से बचाव के लिए लॉकडाउन की मार से हिमाचल में बिजली की मांग आधी रह गई है। औद्योगिक इकाइयां बंद होने से सूबे में बिजली की मांग 130 लाख यूनिट रह गई है। आमतौर पर अप्रैल में इन दिनों 270 लाख यूनिट की प्रदेश में मांग रहती है। मांग घटने के कारण बोर्ड को मजबूरी में अतिरिक्त बिजली को आधे दामों पर बाहरी राज्यों को बेचना पड़ रहा है।
प्रदेश में आजकल रोजाना बिजली उत्पादन 185 लाख यूनिट हो रहा है। औद्योगिक इकाइयां, अधिकांश सरकारी और निजी कार्यालय बंद होने से बिजली की मांग काफी घट गई है। हर साल इन दिनों में प्रदेश की बिजली आपूर्ति पूरी करने को ओपन मार्केट से कुछ बिजली खरीदने की जरूरत पड़ती थी।
ओपन मार्केट में बिजली के रेट कम होने से सस्ती दरों पर बिजली मिल जाती थी। इस साल हिमाचल के भीतर मांग घटने से बोर्ड की आय पर सीधा असर पड़ गया है। औद्योगिक इकाइयों को बिजली बोर्ड करीब पांच रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली देता है। अब अतिरिक्त बिजली को पड़ोसी राज्यों को ढाई रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से बेचना पड़ रहा है। अन्य राज्यों में भी बिजली मांग कम होने के चलते अच्छे दाम नहीं मिल पा रहे हैं।
घरेलू कनेक्शनों पर बढ़ी बिजली की मांग
लॉकडाउन होने से बीते कुछ दिनों के दौरान घरेलू कनेक्शनों पर बिजली की मांग बढ़ी है। अधिकांश लोगों के घरों पर रहने से बिजली की मांग में बढ़ोतरी हुई है, लेकिन यह मांग काफी मामूली है। करीब पांच से सात लाख यूनिट बिजली की घरेलू कनेक्शनों में मांग बढ़ी है। उद्योग बंद होने से 140 लाख यूनिट की बिजली मांग कम हुई है। इस भरपाई को पूरा करना आने वाले दिनों में चुनौती भरा काम होगा।
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