News portals-सबकी खबर (श्री रेणुका जी )
सिरमौर जिले के प्रसिद्घ धार्मिक स्थल श्री रेणुका जी क्षेत्र की सेंचुरी में सैकड़ों चमगादड़ों के झुंड एक साथ दिखाई दे रहे हैं। कोरोना वायरस की महामारी के दौर में सैकड़ों चमगादड़ दिखने से लोग खौफजदा हैं। कुछ शोधों व अध्ययन के आधार पर चमगादड़ों को कोरोना संक्रमण का वाहक भी माना जा रहा है। हालांकि, इसी वैज्ञानिक आधार पर इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी तक नहीं की गई है। बावजूद इसके, लोग चमगादड़ों से कोरोना संक्रमण की आशंका से डरे हुए हैं। लोगों का कहना है कि वन्य प्राणि विभाग इसे लेकर गंभीर नहीं है। चमगादड़ों की आमद और उनके रक्त के नमूनों की जांच के लिए कोई पहल अभी तक नहीं की गई। हालांकि, वन्य प्राणि विभाग सेंचुरी में चमगादड़ों की आमद सामान्य बात है। रेणुका सेंचुरी की धार बीट और परिक्रमा मार्ग में सैकड़ों की तादाद में चमगादड़ों के झुंड एक साथ देखे गए हैं। इस सूचना के फैलते ही क्षेत्र में चर्चाओं का बाजार गर्म है।
कोरोना महामारी के चलते पहले ही बने दहशत के माहौल में लोग तरह-तरह की आशंका जता रहे हैं। चमगादड़ों के लारवे और मृत चमगादड़ों से कोरोना संक्रमण की आशंका में लोग खौफजदा है। इधर, वन्य प्राणी विभाग किसी भी तरह की आशंका से सहमत नहीं है। रेणुका क्षेत्र के आरओ देवेंद्र सिंह ने रेणुका सेंचुरी में पक्षीशाला के समीप सैकड़ों की तादाद में चमगादड़ के झुंड होने की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि यह चमगादड़ों का निश्चित रैन बसेरा है। यहां दिखाई दे रहे चमगादड़ प्रवासी नहीं है। इनका दायरा केवल एक से डेढ़ किलोमीटर तक ही सीमित है। अपने दायरे से आगे यह जा ही नहीं पाते। उन्होंने कहा कि सेंचुरी में कोई चमगादड़ मरा हुआ पाया जाता है तो उसे तत्काल मिट्टी में दबा दिया जाता है। उधर, पशुपालन विभाग की सहायक निदेशक डॉ. नीरु शबनम ने बताया कि यदि वन्य प्राणी विभाग चाहे तो रेणुका सेंचुरी से चमगादड़ों के रक्त के नमूनों की जांच की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है। जांच के लिए वन्य प्राणी विभाग को ही पहल कर आगे आना होगा।
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