Breaking News :

मौसम विभाग का पूर्वानुमान,18 से करवट लेगा अंबर

हमारी सरकार मजबूत, खुद संशय में कांग्रेस : बिंदल

आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद 7.85 करोड़ रुपये की जब्ती

16 दिन बाद उत्तराखंड के त्यूणी के पास मिली लापता जागर सिंह की Deadbody

कांग्रेस को हार का डर, नहीं कर रहे निर्दलियों इस्तीफे मंजूर : हंस राज

राज्यपाल ने डॉ. किरण चड्ढा द्वारा लिखित ‘डलहौजी थू्र माई आइज’ पुस्तक का विमोचन किया

सिरमौर जिला में स्वीप गतिविधियां पकड़ने लगी हैं जोर

प्रदेश में निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण निवार्चन के लिए तैयारियां पूर्ण: प्रबोध सक्सेना

डिजिटल प्रौद्योगिकी एवं गवर्नेंस ने किया ओएनडीसी पर क्षमता निर्माण कार्यशाला का आयोजन

इंदू वर्मा ने दल बल के साथ ज्वाइन की भाजपा, बिंदल ने पहनाया पटका

November 23, 2024

हिमाचल प्रदेश पर कोरोना वायरस की तगड़ी मार,7000 करोड़ से अधिक की चपत

News portals-सबकी खबर (शिमला )

पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश पर कोरोना वायरस की तगड़ी मार पड़ी है। पर्यटन और औद्योगिक समेत तमाम व्यावसायिक गतिविधियां अरसे से ठप हैं। सरकार के राजस्व अर्जन के स्रोत सूख गए हैं। महीने के भीतर ही करीब 7000 करोड़ से अधिक की चपत प्रदेश को लग चुकी है। आर्थिक क्षति के आंकड़ों में उछाल अभी बना है। आर्थिक मोर्चे पर इसके अभी और दुष्परिणाम आने बाकी हैं। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी कोरोना की इस मार को स्वीकार चुके हैं। उनका कहना है कि सरकारी राजस्व में करीब 350 करोड़ की गिरावट एक माह के भीतर आ चुकी है।
सरकार को सर्वाधिक 63 फीसदी राजस्व देने वाले औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन में ही लॉकडाउन के 28 दिन में करीब 5000 करोड़ रुपये की चपत लग चुकी है। नगर परिषद नालागढ़ व बद्दी के अलावा क्षेत्र में 41 पंचायतें सील होने से हजारों करोड़ का नुकसान हो चुका है। यहां कंटेनमेंट जोन में ही करीब 50 फार्मा इकाइयों के अलावा करीब 100 अन्य उद्योगों में उत्पादन ठप है। बीबीएन के अन्य क्षेत्रों के उद्योग भी बंद हैं। छूट प्राप्त फार्मा और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग भी 20 से 30 फीसदी का ही उत्पादन कर पा रहे हैं।

सीआईआई हिमाचल चैप्टर के वाइस चेयरमैन शैलेष अग्रवाल भी स्वीकार कर रहे हैं कि 5000 करोड़ का नुकसान बीबीएन क्षेत्र के उद्योगों को उठाना पड़ा है। उद्योगों को काम करने की मंजूरी मिलने के बावजूद हालात सुधरने में समय लगेगा।  आय में अव्वल सोलन जिले की अर्थव्यवस्था भी चरमरा चुकी है। सरकार को सोलन जिले से ही करीब 80 करोड़ राजस्व की चपत लग चुकी है। शहर के कारोबारियों को रोजाना आठ करोड़ का नुकसान उठाना पड़ रहा है। पिछले 28 दिनों में करीब सवा दो अरब रुपये का नुकसान हो चुका है।
आबकारी एवं कराधान आयुक्त हिमांशु पंवर का कहना है कि राजस्व संग्रहण में अग्रणी होने के कारण सोलन जिले में आर्थिक क्षति सबसे ज्यादा है। सोलन व्यापार मंडल के अध्यक्ष मुकेश गुप्ता का कहना है कि शहर के चार हजार कारोबारियों के लिए यह संकट की घड़ी है। प्रदेश की आर्थिकी के मजबूत स्तंभ पर्यटन की स्थिति भी खराब है। कोरोना ने पर्यटन कारोबार को एक महीने में ही करीब एक हजार करोड़ की चोट पहुंचा दी है।

पर्यटन सीजन में प्रदेश पर्यटन निगम के करीब डेढ़ सौ होटलों, निजी होटलों, होम स्टे यूनिटों व गेस्ट हाउस बंद पड़े हैं। पर्यटन कारोबार से जुड़े लाखों लोगों का रोजगार बंद है। कुल्लू-मनाली समेत जिले के करीब 2000 होटल बंद हैं। जिले में होटल कारोबार से ही एक माह में 300 करोड़ का नुकसान होने का अनुमान है। मनाली होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष अनूप राम ठाकुर के अनुसार कोरोना की मार ने पूरा पर्यटन उद्योग बरबाद कर दिया है।

डलहौजी व खज्जियार समेत चंबा जिले में पर्यटन कारोबारियों को 20 करोड़ से अधिक का नुकसान हो चुका है। जिला हमीरपुर में होटल, रेस्तरां, टैक्सी और निजी बस ऑपरेटरों समेत किसानों को 100 से 120 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। बिलासपुर जिले में करीब 320 करोड़ से अधिक नुकसान है।
सिरमौर जिले में भी नुकसान का आंकड़ा 200 करोड़ है।

औद्योगिक क्षेत्र कालाअंब और पांवटा साहिब के अलावा जिलेभर में उद्योग, पर्यटन, ट्रांसपोर्ट समेत तमाम गतिविधियां ठप हैं। आबकारी एवं कराधान विभाग को राजस्व मद में 40 करोड़ का घाटा उठाना पड़ा है। प्रदेश के सबसे बड़े जिले कांगड़ा में पर्यटन, उद्योग और कृषि समेत अन्य व्यवसायिक क्षेत्र में एक हजार करोड़ का नुकसान इस अवधि में होने का अनुमान है।

 

Read Previous

कलम की ताक़त सबसे बड़ी है-जगत प्रकाश नड्डा

Read Next

प्रदेश के अस्पतालों में भर्ती 23 पॉजिटिव मरीजों में से नौ की 14 दिन बाद ली गई पहली रिपोर्ट निगेटिव आई

error: Content is protected !!