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चौतरफा बढ़े दबाव के बाद हिमाचल सरकार ने दूसरे जिलों में फंसे लोगों को घर जाने की छूट दे दी है। मेडिकल एमर्जेंसी के बाद अब लोग बागबानी-खेतीबाड़ी और जरूरी कामों के लिए दूसरे जिलों में जा सकेंगे। इसके अलावा कोटा में फंसे हिमाचल के बच्चों को वापस लाने के लिए शुक्रवार को बसें भेजी जा रही हैं। इसी बीच, राज्य में होम क्वारंटाइन का सर्किल पूरा करने वाले बाहरी प्रदेशों के लोगों को भेजने के आदेश भी जारी हो गए हैं। इसके लिए भी शुक्रवार को एचआरटीसी की बसें तैनात की गई हैं। इन बड़े कदमों के बाद दूसरे राज्यों में फंसे लोगों की वापसी पर भी मंथन शुरू हो गया है।
माना जा रहा है कि 27 अप्रैल के बाद इस पर ठोस नीति बन सकती है। बहरहाल जयराम सरकार ने दूसरे जिलों में फंसे हजारों लोगों को धीरे-धीरे उनके मूल स्थानों में भेजने की हरी झंडी दे दी है। खासकर जनजातीय क्षेत्र भरमौर-पांगी, लाहुल-स्पीति और किन्नौर जिला के कई लोग निचले क्षेत्रों में फंस गए हैं। बर्फबारी के चलते कांगड़ा, कुल्लू और शिमला-रामपुर में पलायन करने वाले इन लोगों की वापसी 15 मार्च के बाद शुरू होती थी। ऐन मौके पर कर्फ्यू लग जाने से हजारों की संख्या में लोग फंस गए हैं। इससे इन लोगों की खेतीबाड़ी तथा बागबानी के तहस-नहस होने की आशंका बन गई थी। यही वजह है कि राज्य सरकार ने उन लोगों को भेजने के लिए आदेश जारी कर दिए हैं। इसके चलते कांगड़ा जिला में फंसे भरमौर के करीब तीन हजार परिवारों को भेजने की कवायद शुरू हो गई है। इसी तरह कुल्लू जिला में फंसे लाहुल स्पीति के सैकड़ों परिवारों को वापसी के लिए रास्ते खोल दिए हैं। किन्नौर जिला के रामपुर और शिमला में फंसे लोगों की वापसी शुरू हो गई है।
निजी वाहनों में जाने की डीसी देंगे अनुमति
निजी वाहनों में इन लोगों को अपने जिलों में जाने की संबंधित डीसी अनुमति दे रहे हैं। इसके अलावा समूहों में वापस अपने गंतव्य की ओर जाने वाले लोगों को एचआरटीसी की बसें भेजने को कहा गया है। फिलहाल बस सुविधा सिर्फ कांगड़ा में फंसे भरमौर घाटी के लोगों, शिमला में फंसे किन्नौर तथा कुल्लू में फंसे लाहुल के लोगों को मिल सकती है।
रास्ते में किसी से मिलने की इजाजत नहीं
खेतीबाड़ी और बागबानी के उद्देश्य से छोड़े जा रहे लोगों कोे सशर्त जाने की अनुमति दी जा रही है। इसके लिए इन लोगों को हिदायत दी जा रही है कि मौजूदा स्थान से गंतव्य तक पहुंचने के बीच रास्ते में किसी से मिलने की अनुमति नहीं होगी। वापस जाने के बाद इन लोगों को होम क्वारंटाइन का सर्कल पूरा करना होगा।
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