News portals-सबकी खबर(पांवटा साहिब)
उपमंडल पांवटा साहिब में लॉक डाउन में फंसे 47 कामगारों को उचित राशन किट उपलब्ध करवाने के निर्देश के बाद विकासखंड अधिकारी गौरव धीमान ने तुरंत राशन किट कुछ कामगारों दिए है । जिसमे कुछ कामगारों ने समान की किट वही से ही प्राप्त की और कुछ कामगारों ने अपने ठहरे हुए स्थान गोंदपुर पर मंगा, जिसके बाद विकास खंड अधिकारी ने पंचायत प्रधान से संपर्क किया और राशन किट उक्त जगह पर रह रहे कामगारों को देने के लिए कहां , उसके बाद 47 मजदूर अपने रूम गोंदपुर में वापस लौट गए । वहीं विकास खंड अधिकारी द्वारा मुहैया कराए गए राशन किट तुरंत देने पर सभी कामगार खुश नजर आए। बीडीओ ने सभी कामगारों को पहले समझाया कि लॉक डाउन के समय पूरे देश भर में सभी लोग को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है ऐसे में जब तक उचित व्यवस्था नही होती तब तक वह यही रुके , व्यवस्था होने पर वह अपने घर जाए बिना सोचे समझे अभी अपने घर ने निकले , उन्हें समय समय पर राशन किट उपलब्ध की जाएगी । वही सभी मजदूरों ने अधिकारी बात मानी और वापस अपने उक्त कम्पनी में वापस चले गए ।
उधर विकास खंड अधिकारी गौरव धीमान ने बताया कि उच्च अधिकारी के निर्देश के बाद प्रवासी मजदूरों को राशन किट उपलब्ध करा दी गई है ।
बता दे कि बाहरी राज्यों से हिमाचल में काम करने वाले हजारो प्रवासी मजदूर अभी भी यहाँ फंसे हुए है |ऐसा ही मामला जिला सिरमौर के उपमंडल पांवटा साहिब में उत्तर प्रदेश और बिहार के 47 कामगार वीरवार को गोविंदघाट बैरियर पांवटा पर पहुंचे। ये सब पैदल ही अपने राज्यों में जाना चाहते थे। इनका कहना था कि 42 दिन से काम नहीं चल रहा और मानदेय भी नहीं मिला है। जितनी भी जमा पूंजी थी खर्च हो गई। अब उनके पास मकान का किराया और राशन के लिए पैसे नहीं हैं। इसलिए हर हाल में अब अपने घर जाना चाहते हैं।
बैरियर पर तैनात पुलिस टीम ने उन्हें रोक लिया। एसडीएम पांवटा एलआर वर्मा के संज्ञान में मामला लाया गया। इसके बाद त्वरित कार्यवाही शुरू हो गई है। वही मजदूरों को बीडीओ कार्यालय से राशन किट उपलब्ध करवा दी गई हैं। इकाई प्रबंधन ने भी पिछला लंबित मानदेय और इकाई में काम देने का आश्वासन दिया है।
कुछ अरसे से पांवटा के गोंदपुर में एक इकाई में काम करते हैं। करीब डेढ़ माह से इकाई प्रबंधन ने कोई खेर खबर नहीं ली है। पिछले माह की सैलरी, मानदेय नहीं मिला है। जितनी जमा पूंजी थी अब खत्म हो चुकी है।आर्थिक रूप से तंग हैं। खाने और मकान का किराया देने को पैसे नहीं हैं। मजबूरन अब पांवटा से पैदल ही इतनी दूर अपने घर बिहार और यूपी जाने का फैसला लिया है, लेकिन हिमाचल बैरियर पर गोविंदघाट पर तैनात मुख्य आरक्षी कृष्णा भंडारी की टीम ने रोक लिया।
उधर, एसडीएम पांवटा साहिब एलआर वर्मा ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि सूचना मिलते ही तुरंत इकाई प्रबंधन से बात हुई है। कंपनी इनको काम पर वापस लेने और लंबित मानदेय प्रदान करने को राजी हुई है।
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