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राजधानी शिमला कोरोना के रेड जोन जाने से बच गई है। पटियाला से शिमला लौटी कोरोना संदिग्ध महिला की मौत से शिमला प्रशासन सहित समूची राजधानी की सांसें अटक गई थी, लेकिन देर शाम इस बात की पुष्टि हुई कि महिला कोरोना नेगेटिव थी। गौर रहे कि इस महिला की मौत पंजाब से लौटने के कुछ घंटों बाद महिला की मौत होम क्वारंटाइन में हुई थी। सुबह साढ़े नौ बजे दम तोड़ने वाली महिला के सैंपल की रिपोर्ट अगले 13 घंटों तक आईजीएमसी में फंसी रही। इस कारण महिला के शव को कोरोना का मरीज होने की अशंका के चलते शव को सील करके मोर्चरी में रख दिया है। इस दुविधा के चलते सरकार यह तय नहीं कर पाई है कि महिला का कोरोना प्रोटोकॉल के अनुसार अंतिम संस्कार किया जाए या उसका शव परिजनों को सौंप दिया जाए। प्रशासन के सामने यह दिक्कत आ गई थी कि अगर महिला की मौत कोरोना से हुई है तो राजधानी बफर जोन में आ सकती है।
वहीं डब्ल्यूएचओ की गाइडलाइंस के अनुसार तीन किलोमीटर कंटेनमेंट तथा सात किलोमीटर एयर रेडियस में बफर जोन बनाए जाने का प्रावधान है। इससे समूची राजधानी बफर जोन की जद में शामिल हो सकती थी। हालांकि पटियाला से लौटी 43 वर्षीय महिला सीधी अपने नाभा स्थित घर पहुंची थी। अगली ही सुबह आईजीएमसी पहुंचने से पहले उसने दम तोड़ दिया था। उल्लेखनीय है कि कंटेनमेंट जोन में आवाजाही पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहता है। बफर जोन में थोड़ी राहत दी जाती है। वहीं 43 साल की महिला का पिछले दो माह से पटियाला में अस्थमा का इलाज चल रहा था। अहम है कि महिला के साथ उसकी 22 साल की बेटी और 24 साल का बेटा भी साथ था। गत बुधवार शाम तीन बजे महिला पति व बच्चों के साथ पटियाला से शिमला लौटी थी।
टैक्सी में बच्चों सहित आई थी महिला
महिला की ट्रैवल हिस्ट्री के अनुसार वह निजी टैक्सी में बच्चों सहित सीधी घर पहुंची थी। इसके बाद परिवार का कोई भी सदस्य घर से बाहर नहीं निकला। गुरुवार सुबह महिला को सांस लेने की परेशानी हुई। क्वारंटीन से महिला को अस्पताल ले जाया गया। करीब साढ़े नौ बजे अस्पताल पहुंची महिला को चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। चिकित्सकों का कहना था कि अस्पताल पहुंचने से पहले ही महिला ने दम तोड़ दिया था।
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