News portals-सबकी खबर (नई दिल्ली)
पूरे देशभर में कोरोना वायरस का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। लॉकडाउन के काम पॉजिटिव मामलों में कमी तो जरूर आई है, लेकिन अभी भी हर रोज मरीजों की तादाद बढ़ती जा रही है। भारत में अब तक 54 हजार से ज्यादा लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। दिल्ली एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि जून के महीने में कोरोना वायरस के मामले सबसे ज्यादा होने की पूरी संभावना है। ऐसे में सवाल यहां ये उठता है कि क्या सरकार 17 मई के बाद भी लॉकडाउन बढ़ाएगी? क्योंकि कोरोना केस अभी भी काफी रफ्तार से आ रहे हैं और संभावना जताई जा रही है कि जून में ये वायरस अपने पीक पर होगा। ऐसे में ये लॉकडाउन जून तक बढ़ा दिया जाए तो ये कोई बड़ी बात नहीं होगी। एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने बताया कि जिस तरीके से ट्रेंड दिख रहा है, कोरोना के केस जून में पीक पर होंगे। हालांकि ऐसा बिलकुल नहीं है कि बीमारी एक बार में ही खत्म हो जाएगी। हमें कोरोना के साथ जीना होगा। धीरे-धीरे कोरोना के मामलों में कमी आएगी। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के कारण फिर भी ये आंकड़ा कम है वरना मामले बहुत ज्यादा बढ़ जाते।
अस्पतालों ने लॉकडाउन में अपनी तैयारी कर ली है। डाक्टर्स को प्रशिक्षण दिए गए हैं। पीपीई किट्स, वेंटिलेटर और जरूरी मेडिकल उपकरणों के इंतजाम हुए हैं। कोरोना की जांच बढ़ी है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), दिल्ली के पूर्व निदेशक और भारत के शीर्ष सर्जनों में से एक डाक्टर एमसी मिश्रा का कहना है कि सिर्फ ऐसे उदाहरण हैं, जहां डाक्टर कोविड-19 के लिए विशेष दवा/इलाज नहीं होने के कारण हाइड्रॉक्सी क्लोरोक्वीन को अन्य एंटी-वायरल (एचआईवी या अन्य वायरस के इलाज के लिए बनी दवाएं) दवाओं के साथ मिलाकर मरीजों का इलाज कर रहे हैं। श्री मिश्रा ने बताया कि कई जगहों से ऐसी सूचना है कि हाइड्रॉक्सी क्लोरोक्वीन के कारण मरीजों की हृदय गति में असमानता आ गई है और इसके कारण दिल का दौरा भी पड़ सकता है।
शोध में जुटे डाक्टर वैज्ञानिक
कोरोना को नियंत्रित करने के तमाम उपायों पर विचार और शोध किया जा रहा है, लेकिन मामले हालात सुधरते नहीं नजर आ रहे हैं। देश में अब तक 54 हजार से ज्यादा कोरोना मरीजों की पुष्टि हो चुकी है और देश में अब तक 1800 से ज्यादा लोगों की मौत कोरोना वायरस के कारण हो चुकी है। अभी तक ठोस रूप से इस बीमारी का कोई इलाज नहीं मिला है। इस बीमारी से अभी तक निपटने के लिए प्लाज्मा थैरेपी और हाइड्रॉक्सी क्लोरोक्वीन दवा का इस्तेमाल किया गया है, लेकिन इन दोनों को ही इलाज नहीं माना जा रहा है। हालांकि विश्व के तमाम देशों ने भारत से हाइड्रॉक्सी क्लोरोक्वीन दवा मांगी है और इससे मरीजों को लाभ भी मिला है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि ये कोई संजीवनी बूटी नहीं है।
स्पेन में एमर्जेंसी बढ़ाई
स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज की सरकार ने 24 मई तक देश में एमर्जेंसी बढ़ा दी है। कुछ दिन पहले ही सरकार ने प्रतिबंधों में ढील दी थी। बच्चों को भी घर से बाहर खेलने की अनुमति दी गई थी।
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