News Portals-सबकी खबर(पांवटा साहिब)
जिला सिरमौर में माहमारी कोरोना के संकट में मजदूरों की आर्थिक कमर तोड़ कर रख दी है। इसके आए दिन भीषण परिणाम सामने आ रहे हैं।वही बुधवार की पांवटा साहिब के रामपुरघाट स्थित निजी कंपनी ने डेढ़ सौ से अधिक मजदूरों पर कंपनी की मनमानी के आरोप । निजी कंपनी ने मजदूरों को दिया तीन दिन अल्टीमेट , सरकार के आदेशों की भी हुई अवहेलना, समाजिक दूरियां को भी किया दरकिनार ।
जानकारी के अनुसार पांवटा साहिब के रामपुरघाट में स्थित निजी कंपनी के द्वारा मजदूरों को बिना नोटिफिकेशन के (ओटीपी) ओवर टाइम काटने जा रहा है , जिसके बाद मजदूरों ने निजी कंपनी में कार्य करने से मना कर दिया । जिसके बाद कंपनी प्रबंधन ने बिना किसी पूर्व नोटिस के तकरीबन डेढ़ सौ अधिक मजदूरों का गेट बंद कर दिया। वही कंपनी से निकले गए मजदूरों ने बताया कि कंपनी प्रबंधन ने लॉक डाउन पीरियड में कंपनी ना पहुंच पाने वाले मजदूरों का वेतन देने का वायदा किया था। इसके साथ ही इस दौरान काम करने वाले मजदूरों को दस फीसदी वेतन बढ़ा कर देने का वायदा किया था।
लेकिन वेतन बढ़ा कर देना तो दूर की बात कंपनी प्रबंधन ने काम करने वाले मजदूरों के ओवरटाइम की राशि में पचास फीसदी कटौती कर दी। यहां तक को लॉक डाउन पीरियड में कंपनी ना पहुंच पाने वाले मजदूरों के वेतन में सौ फीसदी कटौती की गई है। जब मजदूरों ने इस मामले को प्रबंधन के समक्ष उठाया तो कंपनी ने उनका गेट बंद कर दस दिन के लिए जबरन अवकाश पर जाने के लिए कह दिया।
मामला उस समय और अधिक बिगड़ गया जब निकले गए मजदूरों कि नज़र गाड़ियों में भर कर लाए जा रहे नए मजदूरों पर पड़ गई। जिन्हे की ठेकेदारों कि मदद से लाया गया था। इसे देखते ही मजदूर भड़क गए। और उन्होंने हंगामा कर दिया। मजदूरों को आक्रोशित देख कंपनी प्रबंधन को पुलिस बुलानी पड़ी।
निकाले गए मजदूरों में अजय चौधरी, अनिल सैनी, राजेन्द्र सिंह, अजय, सतनाम सिंह, रूपेंद्र, नरेंद्र, रजनीश, राहुल सैनी, अरुण कुमार, नरेश, पारस, पवन, रामसूरत, हरजीत, सद्दाम, अक्षय, सलमान, सोनी आदि है । वही मजदूरों ने बताया कि कंपनी पहले ओवर टाइम 62.50 रुपये दिया जाता था लेकिन अब 31. 25 दिया जा रहा है । उन्होंने बताया कि कपंनी पहले 7 तारिक को सेलरी दे दिया करती थी लेकिन लॉक डाउन की संकट की घड़ी में अभी तक सेलरी नही दी गई है । कंपनी और मजदूर के बीच में हंगामा होने पर स्थानीय पुलिस, लेबर इंस्पेक्टर और कंपनी के सभी ठेकेदार को बुलाया गया । जिसके बाद मजदूरों को 3 दिन का समय कंपनी द्वारा मंगा है । जिसके बाद मजदूरों ने भी कंपनी को तीन दिन का समय दिया है ।
वही निजी कंपनी में कार्य करने वाले मजदूरों द्वारा इस हंगामे में सरकार के आदेशों की अवहेलना भी देखी गई । जिसमें कि मजदूर और कंपनी के लोगों द्वारा समाजिक दूरियां को भी दरकिनार किया गया ।
उधर ,पूछे जाने पर श्रम निरीक्षक सोहन लाल जलोटा ने कहा कि अभी कंपनी ओर मजदूरों के बीच के तनाव को सुलझाया जा रहा है ।
कंपनी प्रबंधन से भी संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन किसी से संपर्क नहीं हो पाया है। यदि कंपनी प्रबंधन अपना पक्ष रखेगा तो उसे भी प्रकाशित किया जाएगा।
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