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सरकार के अनलॉक प्लान में सोमवार से मंदिरों के कपाट खोलने का फैसला है, लेकिन हिमाचल प्रदेश के मंदिर ट्रस्टों ने अपने स्तर पर यह निर्णय लिया है कि वे मंदिर नहीं खोलेंगे। ऐसे में सरकार ने जिलों से रिपोर्ट मांगी है, जिसके बाद ही आगे की कार्रवाई होगी। फिलहाल मंदिर खोलने को लेकर मंदिर ट्रस्ट इन्कार कर चुके हैं, वहीं होटल इंडस्ट्री को लेकर भी अभी ऐसा ही है। होटल मालिकों ने भी सोमवार से होटलों को खोले जाने का कोई निर्णय नहीं लिया है, जिनका कहना है कि पहले सरकार पैकेज दे। उन्हें राहत दे, क्योंकि जब कोई लोग ही नहीं आएंगे, तो होटल खोलकर क्या फायदा। वैसे सरकार ने प्रदेश के लोगों के लिए ही होटल खोलने का निर्णय ले लिया था। इसके साथ ढाबों को भी सोमवार से शर्तों के साथ खोला जाए, जो वहां बैठने की व्यवस्था बनाएंगे। बता दें कि केंद्र सरकार के निर्देशों के अनुसार आठ जून के बाद प्रदेश में भी मंदिरों, होटल, शॉपिंग मॉल आदि खोलने का निर्णय है। क्योंकि यहां मंदिर ट्रस्ट व होटल मालिक अभी इस व्यवस्था को मानने को तैयार नहीं हैं, इसलिए शायद ही ये सब कुछ खुल पाए। अभी स्थिति असमंजस भरी है।
खुले भी तो न मिलेगा प्रसाद, न चरणामृत
वैसे मंदिर खुलते हैं, तो उन्हें कुछ नियमों की अनुपालना करनी होगी। इस गाइडलाइन के अनुसार मंदिरों में लोगों को उचित दूरी बनाए रखनी होगी। इसके लिए कहा गया है कि वहां छह फीट की दूरी लगभग होनी जरूरी है, अन्यथा लोग दर्शनों से वंचित रह सकते हैं। सबसे अहम बात यह है कि लोगों को मंदिरों में ना तो प्रसाद मिलेगा और न ही चरणामृत का छिड़काव किया जाएगा। इससे भी लोगों को फिलहाल वंचित रहना होगा। सरकार ने साफ किया है कि 65 साल से ऊपर के बुजुर्ग मंदिरों में न आएं। ऐसे बुजुर्गों को फिलहाल मंदिरों से दूर रखने की सलाह दी गई है, वहीं गर्भवतियों को भी ऐसी परिस्थितियों में मंदिर आने से इन्कार किया गया है।
मंदिरों में प्रवेश करने व बाहर निकलने के लिए भी दो रास्तों का इस्तेमाल किया जाएगा। पहले ऐसा होता आया है कि जिस रास्ते से भीतर जाते हैं, वहीं से बाहर निकलते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं चलेगा। दूसरे रास्ते से बाहर निकलना होगा। मंदिरों में प्रेवेश के लिए भी फेस मास्क पहनना जरूरी है। बिना फेस मास्क कोई भी मंदिरों में नहीं आ सकता है। मंदिर परिसरों व आसपास में थूकने पर पूरी तरह प्रतिबंध है, वहीं लोगों को आरोग्य सेतू एप से जुड़े रहने को कहा गया है। मंदिर ट्रस्ट द्वारा एंट्री पर सेनेटाइजर की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा गया है, वहीं थर्मल स्क्रीनिंग भी करवाई जाएगी। लेगों को अपने जूते वाहन में ही रखकर आना होगा या अलग से बाहर व्यवस्था होगी, जहां एक व्यक्ति के जूते एक जगह पर होंगे, जिन्हें साथ नहीं रखा जाएगा। एक-दूसरे के साथ छूने को पूरी तरह से इन्कार किया गया है। कई दूसरी उपाय इस गाइडलाइन में सुझाए गए हैं।
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