News portals-सबकी खबर (नाहन )
जिला स्तरीय बोर्ड सुनिश्चित करें की शारीरिक शोषितों की शिक्षा निरन्तर निर्बाध रूप से चलती रहे। यह निर्देश अतिरिक्त उपायुक्त सिरमौर प्रियंका वर्मा ने उपायुक्त कार्यालय के सभागार में महिला बाल विकास विभाग द्वारा आयोजित जिला स्तरीय आपराधिक क्षति राहत और पुनर्वास बोर्ड व जिला बाल संरक्षण समिति की पहली बैठक की अध्यक्षता करते हुए दिए।
उन्होंने बताया कि बैठक में जिला सिरमौर की तीन शारीरिक शोषण पीडित लड़कियों को वितीय सहायता के रूप में 21 वर्ष की आयु पूर्ण करने तक 7500 रूपये प्रतिमाह देने का निर्णय बोर्ड द्वारा लिया गया है। इसके अतिरिक्त पीडितों की आयु जब 16 वर्ष पूर्ण हो जायेगी, तो तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा पीडितों को कौशल विकास से सम्बन्धित कोर्स करवाने का प्रावधान भी किया जाएगा। उन्होंने पुलिस विभाग को निर्देश दिए कि पोक्सो एक्ट के तहत दर्ज होने वाले केस की जानकारी 72 घण्टों के अन्दर विभाग को देना सुनिश्चित करें।
उन्होंने बताया कि जिला सिरमौर में विभाग द्वारा फोस्टर केयर योजना के अतंर्गत वर्तमान में 73 बच्चों को लाभान्वित किया जा रहा है जिनके लिए सरकार हर 6 महीने में 855828 राशि व्यय कर रही है। इसके अतिरिक्त इस बैठक मंे अनाथ बच्चों की संपति अधिग्रहण संबंधी पेश आ रही समस्याओं, दतक ग्रहण प्रक्रिया के बारे में विस्तार से चर्चा की गई।
उन्होंने बताया कि बाल संरक्षण ईकाई द्वारा जिला में 9 जागरूकता शिविरों का आयोजन किया गया जिसका उद्देश्य बाल विवाह को रोकना, लेंगिक उत्पीडन, बाल मज़दूरी भिक्षावृति संलिप्त बच्चों को काउसलिंग व चिहिन्त कर समाज की मुख्य धारा में लाना है। बैठक मे जिला बाल सरक्षण कार्यालय, बाल कल्याण समिति, चाइल्ड लाइन सिरमौर व बाल गृह आदर्श बाल निकेतन, के कार्यों की समीक्षा की गई।
इस बैठक में जिला एवं बाल विकास परियोजना अधिकारी राजेन्द्र नेगी ने सभी सदस्यों का स्वागत करते हुए सभी को क्रमवार प्रस्तुत किया।
बैठक मे उप-जिला परिषद अध्यक्ष मुख्य चिकित्सा अधीकारी डा. के के पराशर, जिला कल्याण अधिकारी विवेक अरोड़ा, अधीक्षक पुलिस परम देव ठाकुर, सिविल जज गीतिका कपिला, सदस्य नीति अगरवाल, विधि सह परिवीक्षा अधिकारी मोहम्म्द शमीम, संरक्षण अधिकारी सोहन सिंह, चाइल्ड लाइन समन्वयक सुमित्रा शर्मा, सदस्य बाल कल्याण समिति नसीम दीदान व सपना सोलंकी, दया राम ठाकुर ने भाग लिया।
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