News portals-सबकी खबर (शिमला )
प्रदेश सरकार राज्य के समग्र विकास के उद्देश्य से स्वर्णिम हिमाचल प्रदेश दृष्टिपत्र-2017 के कार्यान्यवन के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। प्रदेश के सभी क्षेत्रों तथा वर्गों के उत्थान के लिए तैयार किए गए इस दृष्टिपत्र को साकार करना सरकार की प्राथमिकता है। यह जानकारी आज यहां स्वर्णिम हिमाचल प्रदेश दृष्टिपत्र-2017 के कार्यान्यवन के लिए गठित मंत्रिमंडल उप-समिति की बैठक के दौरान अध्यक्ष एवं शिक्षा मन्त्री सुरेश भारद्वाज ने दी। बैठक के दौरान परिवहन तथा तकनीकी शिक्षा से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई।
सुरेश भारद्वाज ने कहा कि प्रदेश में कृषि एवं उद्यान उत्पाद के परिवहन के लिए सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार जिला प्रशासन द्वारा प्रतिवर्ष एक माननीकृत मूल्य निर्धारण किया जा रहा है, जिससे उत्पादों को मंडियों तक उचित दामों में पहुंचाया जाता है। परिवहन संबंधी समस्याओं के निदान के लिए निदेशालय स्तर पर शिकायत निवारण प्रकोष्ठ की स्थापना की गई है। जिला मुख्यालयों में ट्रांसपोर्ट नगर स्थापित करने के लिए आठ स्थानों का चयन किया गया है तथा इन नगरों के बुनियादी ढांचों और सुविधाओं के लिए अब तक 12 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।
उप-समिति के सदस्य व उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ने कहा कि इंजीनियरिंग, फार्मेसी एवं बहुतकनीकी संस्थानों के 606 विद्यार्थियों तथा औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के 9139 विद्यार्थियों को रोजगार उपलब्ध करवाया गया है। इसके अतिरिक्त ‘स्कीम आॅफ कम्यूनिटी डवेल्पमेंट थ्रू पोलीटेकनिक’ योजना के अंतर्गत 249 प्रशिक्षणर्थियांे को रोजगार दिया गया।
उप-समिति के सदस्य एवं परिवहन मन्त्री गोविन्द सिंह ठाकुर ने बैठक के दौरान कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में निजी मिनी बस चालकों को 23 बस रूट परमिट आवंटित किए गए हैं, ताकि लोगों को यातायात सुविधा के साथ-साथ बेरोजगार युवाओं को रोजगार भी मिल सके। हिमाचल पथ परिवहन निगम द्वारा 25 इलैक्ट्रिक बसें कुल्लू व इसके आसपास के कस्बों में चलाई जा रही हैं। प्रदेश के विभिन्न कस्बों में 50 इलेक्ट्रिक टैक्सियां चलाई जा रही हैं। शिमला शहर में कुल 50 इलैक्ट्रिक बसें चलाई जा रही हैं।
इस अवसर पर प्रधान सचिव तकनीकी शिक्षा के.के. पंत, उप-समिति के सदस्य सचिव एवं सचिव सामान्य प्रशासन देवेश कुमार तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
Recent Comments